जबरदस्त विरोध के बीच गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स के छात्रों को संबोधित किया. अपने संबोधन में नरेंद्र मोदी ने देश में निराशा का माहौल होने की बात कही और साथ में यह भी दावा किया कि इसी व्यवस्था के बूते हम आगे बढ़ सकते हैं.
अपने संबोधन की शुरुआत में मोदी ने कहा कि मैं महात्मा गांधी और सरदार वल्लभ भाई पटेल की धरती से आ रहा हूं. आजादी की लड़ाई में दो विचारधाराओं की अहम भूमिका रही. दोनों ही विचारधारा का गुजरात से रिश्ता है.
नरेंद्र मोदी ने इशारे ही इशारे में केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज पूरे देश में निराशा का माहौल है. आजादी के 60 साल बीते चुके हैं लेकिन आज तक हमें सुराज नहीं मिला है.
गुजरात का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि सुराज यानी सुशासन के मामले में गुजरात देश से कहीं आगे है. हमारे विकास का मॉडल pro- people, good governance पर आधारित है. यानी जनता के लिए और 'सुराज' के द्वारा.
नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज देश की 60 फीसदी आबादी युवा है. हमें इनके लिए नए अवसरों को ढूंढ़ना होगा. नए आयामों की खोज करने होगी. इन्हीं युवाओं को देखकर मैं आशावान हूं कि इस संविधान और कानून के बूते हम एक दिन सबकुछ पलट सकते हैं.
उन्होंने कहा, 'चीजों का देखने का अपना-अपना नजरिया होता है. एक आधे पानी से भरे ग्लास को देखने के बाद सामन्यतः दो प्रकार का नजरिया सामने आता है जबकि मैं तीसरा नजरिया रखता हूं. मेरा मानना है कि वो ग्लास आधा पानी और आधा हवा से भरा हुआ है.'
नरेंद्र मोदी ने अवसरवादी होने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि किसी अवसर को कैसे भुनाना है इसके लिए हमें तैयार रहने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि हमारा देश गरीब नहीं है. दरअसल हमने अपने प्राकृतिक संसाधनों का सही इस्तेमाल नहीं किया.
गुजरात के विकास की तारीफ करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा, 'हमने अपने राज्य को तीन आधार पर विकसित किया. कृषि, उद्योग और सेवा के क्षेत्रों पार ध्यान दिया और इस बात का ख्याल रखा कि विकास दर में इन तीनों क्षेत्रों की बराबर की हिस्सेदारी रहे. ताकि अगर कोई पीछे भी छूट जाए तो विकास दर पर खासा असर न पड़े. यह सिर्फ सुराज के जरिए ही संभव हो सका.
गुजरात के कृषि क्षेत्र की तारीफ करते हुए मोदी ने कहा कि आज देश की हर चाय में गुजरात का दूध है. यूरोप में मिलने वाली भिंडी गुजरात की है. सिंगापुर में मिलने वाली चाय में भी गुजरात का दूध हैं. आज गुजरात कपास का रिकॉर्ड उत्पादन करता है. जहां देश में कृषि विकास दर महज दो फीसदी है वहीं गुजरात का कृषि क्षेत्र 10 फीसदी के दर से विकसित हो रहा है.'
उन्होंने कहा, 'आज पूरा विश्व हमें एक बड़े बाजार के तौर पर देखता है जबकि मेरा मानना है कि पूरा विश्व हमारे लिए बाजार बने. इसके लिए तकनीकी के क्षेत्र में आगे बढ़ना होगा. नई तकनीक के जरिए हमें अलग पहचान बनानी होगी. ताकि 'मेड इन इंडिया' का परचम पूरी दुनिया में लहरे.' इसके लिए उन्होंने दक्षिण कोरिया जैसे देश से सीख लेने की बात कही.
नरेंद्र मोदी ने ब्रांडिंग पर जोर दिया. मोदी ने कहा कि बेहतरीन उत्पादन के साथ-साथ उसके पैकेजिंग की भी जरूरत है. इस संदर्भ में उन्होंने आयुर्वेदिक दवाइयों का उदाहरण दिया.
युवाओं का ध्यान खींचने के लिए उन्होंने यह कहा कि अब हमारा देश सिर्फ 'स्नेक चार्मर' नहीं रहा है, अब हमारे देश का युवा 'माउस' चार्मर बन गया हैं.
गुजरात के मुख्यमंत्री ने अपने भाषण के अंत में यही कहा कि 21वीं सदी ज्ञान की सदी है और इसकी अगुवाई भारत ही करेगा. इस सदी में आगे बढ़ने के लिए हमें स्किल, स्पीड और स्केल पर ध्यान देने की जरूरत है.
आखिर में उन्होंने देश के राजनेताओं से अपील की कि इन युवाओं को महज वोटर न समझें यह देश का भविष्य हैं. आज देश सिर्फ वोट बैंक की राजनीति के कारण बर्बाद हुआ है, अब देश को विकास की राजनीति की जरूरत है.