विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने सरक्रीक जैसे अंतर्राष्ट्रीय रूप से संवेदनशील मुद्दे पर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान को विधानसभा चुनाव में लाभ लेने का प्रयास बताया और कहा कि इस मामले को निर्वाचन आयोग के पास ले जाया जा सकता है.
मोदी ने बुधवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को एक पत्र लिख कर पाकिस्तान से सर क्रीक पर वार्ता बंद करने की मांग की थी. खुर्शीद ने मोदी के बयान पर गुरुवार को कहा, 'मेरे विचार से इससे कुछ झलकता है. आप कुछ अच्छे निर्णय लेते हैं. चुनावों के दौरान आप से कहा जाता है कि आप उन निर्णयों को नहीं ले सकते. तब क्या इसकी अनुमति है?'
विदेश मंत्री ने कहा, 'यदि आप छूट वाले सिलेंडर को छह से नौ करने की बात नहीं कर सकते तो क्या आप ऐसे अंतर्राष्ट्रीय मुद्दे को उठा सकते हैं? इस पर निर्वाचन आयोग का ध्यान आकर्षित कराना चाहिए कि आखिर वह बताए कि चुनावों के दौरान मुद्दों पर अनुमति की सीमा क्या है?'
खुर्शीद सर क्रीक मुद्दे पर प्रधानमंत्री को लिखे पत्र पर जवाब दे रहे थे. मोदी ने अपने पत्र में लिखा, 'सर क्रीक पर पाकिस्तान से चल रही वार्ता जैसे गम्भीर मुद्दे पर मैं यह पत्र लिख रहा हूं. इतिहास और क्षेत्र की संवेदनशीलता को देखते हुए सर क्रीक को पाकिस्तान को सौंपने का कोई भी प्रयास रणनीतिक भूल होगी.'
उन्होंने कहा, 'मैं आपसे आग्रह करता हूं कि पाकिस्तान से इस बारे में वार्ता बंद करें और सर क्रीक को पाकिस्तान को न सौंपे.' मोदी ने अपने पत्र में आगे लिखा, 'मैं यह पत्र आपको इसलिए लिख रहा हूं क्योंकि मुझे पता चला है कि सर क्रीक पर 15 दिसम्बर को सरकार फैसला लेने जा रही है.'
प्रधानमंत्री कार्यालय ने मोदी के पत्र को शरारतपूर्ण बताया और पत्र के समय पर सवाल उठाए. मोदी ने यह पत्र गुजरात विधानसभा के लिए पहले चरण के मतदान से एक दिन पहले बुधवार को लिखा था. पाकिस्तान के आंतरिक मामलों के मंत्री रहमान मलिक 14 से 16 दिसम्बर तक भारत की यात्रा पर आ रहे हैं.
गौरतलब है कि सर क्रीक भारत के कच्छ और पाकिस्तान के सिंध प्रांत को बांटती है. यह कच्छ के रण में फैला 96 किलोमीटर का वह हिस्सा है जिसे लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद है.