IIT मद्रास मामले में केंद्र सरकार के रवैए पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हैरानी जताई है. उन्होंने इस फैसले को तानाशाही करार दिया है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का ये एक्शन लोकतंत्र पर हमला है. इससे तानाशाही को बढ़ावा मिल रहा है.
नीतीश ने कहा कि लोकतंत्र में सबको अपनी बात रखने का हक है, लेकिन मोदी सरकार अपने तानाशाही फैसले लागू कर रही है.
नीतीश ने भूमि अधिग्रहण बिल पर भी सरकार को घेरा और कहा कि सरकार ने इसे अपनी प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया है. सरकार किसानों के हक में नहीं सोच रही. उन्होंने कहा कि इतना ज्यादा विरोध किसी भी बिल का नहीं हुआ, लेकिन सरकार सिर्फ कॉरपोरेट के हित में सोच रही है. आम जनता से उसका कोई लगाव नहीं है.
तो लालू के साथ नहीं दिखेंगे नीतीश..!
बिहार में चुनाव और जनता परिवार के विलय की तैयारियों के बीच शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गांधी मैदान में होने वाली निषाद रैली में शामिल नहीं होंगे. रैली में एक अर्से बाद नीतीश और RJD प्रमुख लालू प्रसाद के एक साथ दिखने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा हो नहीं सका. उन्होंने बताया कि आंख के इलाज की वजह से वह रैली में शामिल नहीं हो सकेंगे. उन्होंने पहले ही इस बात की जानकारी दे दी थी, लेकिन आयोजकों ने इस बात को दबाए रखा.
IIT मद्रास के बाहर छात्रों पर बरसीं लाठियां
स्टूडेंट फोरम पर बैन के खिलाफ IIT मद्रास के बाहर छात्रों ने शनिवार को प्रदर्शन किया. छात्रों को हटाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया. छात्र पाबंदी हटाने की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन कर रहे थे.
क्या है IIT मद्रास का मामला
पीएम मोदी के खिलाफ कथित तौर पर नफरत फैलाने वाले एक फोरम को प्रतिबंधित कर दिया है. छात्रों के इस फोरम के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद संस्थान ने इसे बैन करने का फैसला किया. फोरम के खिलाफ शिकायत में कहा गया है कि छात्रों का यह समूह हिंदी के इस्तेमाल, गोमांस और केंद्र सरकार की कुछ अन्य नीतियों पर दूसरे छात्रों को बरगला रहा था. IIT कैंपस में अंबेडकर-पेरियार स्टूडेंट सर्कल (APSC) के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने जांच कराई, जिसके बाद IIT ने स्टूडेंट सर्कल पर प्रतिबंध लगाया.