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SCO समिट के दौरान रूस में हो सकती है मोदी-शरीफ की मुलाकात

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ के बीच अगले महीने बैठक हो सकती है. इस बैठक का मुख्य उद्देश्य आपसी संबंधों को सामान्य करना और उसे आगे बढ़ाना होगा. यह मुलाकात रूस में अगले महीने होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की वार्षिक शिखर वार्ता के दौरान संभव है.

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भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समक्ष नवाज शरीफ
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समक्ष नवाज शरीफ

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ के बीच अगले महीने बैठक हो सकती है. इस बैठक का मुख्य उद्देश्य आपसी संबंधों को सामान्य करना और उसे आगे बढ़ाना होगा. यह मुलाकात रूस में अगले महीने होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की वार्षिक शिखर वार्ता के दौरान संभव है.

सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक के लिए अब तक किसी भी तरफ से औपचारिक आग्रह नहीं किया गया है. लेकिन इस संभावित मुलाकात को तय माना जा रहा है. प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शरीफ को टेलीफोन करने से दोनों देशों के बीच हालिया तनाव में कमी आई है.

मंगलवार को मोदी ने शरीफ को फोन करके उन्हें रमजान के लिए शुभकामनाएं दी थीं. उन्होंने कहा था कि दोनों देशों के बीच शांतिपूर्ण और मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों की जरूरत है. मोदी ने शरीफ को भारत द्वारा हिरासत में मौजूद पाकिस्तानी मछुआरों को रिहा करने के फैसले के बारे में भी बताया था.

सदस्यता के लिए भारत ने किया है आवेदन
बताते चलें कि वार्षिक एससीओ शिखर वार्ता नौ और दस जुलाई को उफा में होगी. भारत और पाकिस्तान दोनों को चीन समर्थित इस संगठन की पूर्ण सदस्यता की मंजूरी मिलने की संभावना है. भारत ने पिछले साल दुशांबे में संगठन की सदस्यता के लिए औपचारिक रूप से आवेदन किया था.

2001 में हुई एससीओ की स्थापना
शंघाई में रूस, चीन, किर्गिज गणतंत्र, कजाखस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों ने 2001 में एक शिखर वार्ता में एससीओ की स्थापना की थी. 2005 अस्ताना वार्ता में भारत, ईरान और पाकिस्तान को पर्यवेक्षक के रूप में अपनाया गया था.

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