उत्तर प्रदेश चुनावों में भाजपा की भारी जीत के बाद कई राजनीतिक दलों ने 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टक्कर देने के लिए बिहार मॉडल के तर्ज पर एक महागठबंधन बनाने की वकालत की है. दिलचस्प बात यह है कि इस महागठबंधन का स्वरुप क्या होगा? इसको लेकर अभी तक कोई ठोस बात सामने नहीं आई है. मगर इस महागठबंधन का नेता कौन होगा और मोदी के खिलाफ प्रधानमंत्री उम्मीदवार कौन बनेगा, इसको लेकर जंग छिड़ गई है.
बृहस्पतिवार को जहां जनता दल यूनाइटेड, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल ने एक सुर में महागठबंधन को राष्ट्रीय रूप देने की वकालत की, वहीं शुक्रवार को महागठबंधन के नेता को लेकर जदयू और कांग्रेस में ठन गई. उत्तर प्रदेश में करारी हार मिलने के बावजूद कांग्रेस के नेताओं ने 2019 में अपने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी को प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनाए जाने की बात कही. बिहार के शिक्षा मंत्री और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी ने कहा कि उनकी पार्टी के प्रधानमंत्री उम्मीदवार राहुल गांधी ही होंगे. हालांकि उन्होंने माना कि सभी क्षेत्रीय दलों के नेता प्रधानमंत्री उम्मीदवार है और ऐसे में आपसी विचार-विमर्श से एक राय बनाई जाएगी.
वहीं, दूसरी ओर जनता दल यूनाइटेड ने कहा कि इस वक्त देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टक्कर देने के लिए सिर्फ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही चेहरा है. जदयू का मानना था कि 2015 के विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही महागठबंधन ने भाजपा को बुरी तरीके से हराया था. जदयू प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि जब तक सभी गैर-भाजपाई दल एक मंच पर नहीं आ जाते हैं और नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री का चेहरा नहीं बनाते हैं, तब तक भाजपा या प्रधानमंत्री मोदी को 2019 में हराना नामुमकिन है.
कांग्रेस और जदयू के बीच प्रधानमंत्री के चेहरा को लेकर किचकिच पर भाजपा ने चुटकी ली है. वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि इससे अच्छी बात क्या होगी कि नीतीश कुमार, लालू प्रसाद, अखिलेश यादव, मुलायम सिंह यादव, ममता बनर्जी और नवीन पटनायक सभी 2019 में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बन जाए. वैसे सुशील कुमार मोदी ने माना कि प्रधानमंत्री वही बनेगा, जिसके पार्टी में कम से कम 200 सांसद होंगे.