नरेंद्र मोदी को अमेरिकी वीजा नहीं देने पर संभवत: पहले स्पष्टीकरण में ओबामा प्रशासन ने गुरुवार को कहा कि यह फैसला पिछली सरकार द्वारा किया गया था.
अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन कैरी ने आज एक इंटरव्यू के दौरान कहा, 'यह बहुत बड़ी बात है. अब सरकार अलग है. जैसे कि यहां है. हम प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत करेंगे.' उन्होंने कहा, 'उनका स्वागत किया जाएगा. जाहिर तौर पर उन्हें वीजा मिलेगा. अब कोई सवाल नहीं है और हमें सितंबर में राष्ट्रपति ओबामा के साथ मोदी की बैठक अच्छी रहने की आशा है.'
वह इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या (बुश प्रशासन द्वारा) वीजा देने से इंकार करना भूल थी क्योंकि अमेरिकी सरकार ने अब अपना रुख पूरी तरह से बदला है. कैरी ने कहा कि अतीत के बारे में चर्चा करने से कोई फायदा नहीं है. उन्होंने कहा, 'हम आशान्वित हैं. मैं राजनीति में पीछे जाने या किसने क्या फैसला किया, इसमें अपना समय नहीं बिताना चाहता. मैं वर्तमान मुद्दों को सुलझाने की कोशिश करता हूं और पेनी (वाणिज्य मंत्री) और मैं यहां पीछे देखने नहीं बल्कि आगे देखने आए हैं.'
गौरतलब है कि वर्ष 2002 के गुजरात दंगों के बाद अमेरिका ने मोदी को वीजा नहीं देने का फैसला किया था. अन्य सवालों के जवाब में कैरी ने कहा कि अमेरिका भारत का परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सदस्य बनने का समर्थन करेगा.