पार्टी को एकजुट करने के लिए राजनाथ-मोदी डिनर कूटनीति अपने मकसद में नाकाम रही. गुरुवार को जब लोकसभा में बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह और सदन में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज की मौजूदगी में भूमि अधिग्रहण बिल पर वोटिंग चल रही थी तो नरेंद्र मोदी पार्टी अध्यक्ष के घर पर आयोजित एक डिनर पार्टी में उन दोनों की प्रतीक्षा कर रहे थे.
यह मोदी के चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार पार्टी के सांसदों से मुलाकात का कार्यक्रम था. पार्टी राजनाथ सिंह के घर पर साढ़े 7 बजे आयोजित होनी थी. गुजरात के मुख्यमंत्री और अरुण जेटली व रविशंकर प्रसाद समेत राज्यसभा के तमाम बीजेपी सांसद करीब साढ़े 9 बजे तक पार्टी स्थल पर पहुंच गए. लेकिन राजनाथ सिंह, आडवाणी और सुषमा समेत पार्टी के कई वरिष्ठ नेता लोकसभा में भूमि अधिग्रहण बिल पर वोटिंग में ही फंसे रह गए. पार्टी में मिशन 272 प्लस पर प्रेजेंटेशन होना था.
हालांकि लोकसभा में बीजेपी अध्यक्ष ने वोटिंग शुक्रवार को कराने के लिए आग्रह भी किया लेकिन सरकार ने नहीं माना. वोटिंग रात करीब 10:20 तक चली. उधर मोदी राह देख रहे थे और इधर सुषमा बिल के लिए जयराम रमेश की तारीफ करने में लगी थीं.
राजनाथ, आडवाणी और सुषमा करीब साढ़े 10 बजे पार्टी में पहुंच पाए. तब तक अरुण जेटली और नवजोत सिंह सिद्धू समेत ज्यादातर सांसद जा चुके थे. अब सवाल यह है कि क्या इस संबंध में सुषमा, आडवाणी और राजनाथ में बात हो चुकी थी?