बीजेपी की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांप्रदायिक हिंसा बिल का विरोध करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को चिट्ठी लिखी है. मोदी के मुताबिक इस बिल के लाने का समय संदिग्ध है और साथ ही इसका मसौदा भी सही नहीं है.
मोदी ने पीएम को लिखी चिट्ठी में इस बिल को बेकार बताया. इसके साथ ही उन्होंने इसके मसौदे को भी घटिया करार दिया. मोदी ने इस बिल को 'रेसिपी फॉर डिजास्टर' करार दिया.
मोदी ने कहा कि इस बिल के जरिए राज्य सरकारों के अधिकारों पर असर पड़ेगा. मोदी ने माना कि सांप्रदायिक हिंसा पर सतर्क रहने की जरूरत है, लेकिन बिल का मसौदा और इसे लाए जाने का समय संदिग्ध है. उन्होंने पार्लियामेंट में इस बिल को लाए जाने की जल्दबाजी के लिए भी सरकार पर सवाल उठाए हैं.
उन्होंने कहा लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार का ऐसे बिल को पार्लियामेंट में पेश किया जाना संदिग्ध है. उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि इस बिल को लाए जाने के पीछे सरकार की मंशा बस वोट बटोरना है.
बीजेपी के शहनवाज हुसैन ने कहा, 'कांग्रेस बेवजह कानून लाकर सांप्रदायिकता फैलाना चाहती है. पहले से ही कानून मौजूद है उसका सही प्लान नहीं करती. राज्यों के अधिकारों में हस्तक्षेप करना कांग्रेस का मकसद है.'
सांप्रदायिक हिंसा बिल को लेकर मोदी के पीएम को लिखे गए पत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए राजीव शुक्ला ने कहा, 'मोदी जी का काम ट्वीट करना है. वोटबैंक राजनीति और मुद्दों को विवादित बनाना उनका काम है.'