मोदी सरकार मंगलवार को गुजरात में नया लोकायुक्त बिल पेश करने जा रही है. इस बिल के मुताबिक लोकायुक्त की नियुक्ति का आखिरी फैसला मुख्यमंत्री का होगा. इसका सीधा मतलब यह होगा कि राज्य का सीएम ही अपने मन मुताबिक लोकायुक्त की नियुक्ति करेगा.
नए विधेयक में दो नए लोकायुक्त और चार उप लोकायुक्त का भी प्रावधान किया जा रहा है. राज्यपाल कमला बेनीवाल के जरिये लोकायुक्त की नियुक्ति को गुजरात की मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था.
संविधान के अनुसार राज्य में लोकायुक्त की नियुक्ति राज्यपाल राज्य हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के परामर्श पर करता है लेकिन इस बिल के बाद गुजरात में लोकायुक्त की नियुक्ति करने के लिए सीएम से परामर्श लेना ही होगा.
देश के 28 राज्यों में से 18 राज्यों में लोकायुक्त की नियुक्ति हो चुकी है. बाकी राज्य इसे लागू करने में थोड़ी ढिलाई बरत रहे हैं.
शिक्षा और सेहत में कम खर्च करता है गुजरात
गुजरात विधानसभा में मंगलवार को ही मोदी सरकार सीएजी की रिपोर्ट पेश करेगी, जिसे लेकर हंगामे की आशंका है. रिपोर्ट के मुताबिक गलत कर्ज नीति की वजह से गुजरात के सरकारी खजाने को काफी नुकसान पहुंचाया गया है.
सीएजी का मानना है कि बाकी राज्यों की तुलना में गुजरात ने शिक्षा और सेहत के क्षेत्र में कम खर्च किया है. विपक्ष का कहना है कि रिपोर्ट जानबूझकर आखिरी दिन पेश की जा रही है ताकि कोई सरकार के भ्रष्टाचार पर सवाल न उठा सके.