नरेन्द्र मोदी के प्रतिद्वंदी रहे संजय जोशी ने सक्रिय राजनीति में लौटने का फैसला किया है. संघ परिवार से जुड़े नेता संजय जोशी दिल्ली वापस आ गए हैं. संजय जोशी ने कहा कि वो सक्रिय राजनीति में लौट रहे हैं.
संजय जोशी को मई 2012 में मोदी के दबाव के चलते पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से निकाल दिया गया था. बाद में उन्हें बीजेपी के कामों से भी आराम दे दिया गया. उस समय जोशी पार्टी के महासचिव थे.
जोशी ने अपने लौटने की जानकारी संघ के नए माध्यम ट्विटर पर दी. जोशी ने कहा कि मैं बीजेपी कार्यकर्ता हूं इसीलिए मैं आज भी बीजेपी में ही हूं. सक्रिय राजनीति में अपनी भूमिका के बारे में उन्होंने कहा कि इस बारे में भविष्य में पता चलेगा पर मैं यहां रुकने के लिए आया हूं.
जोशी की इन दिनों ट्विटर पर भी काफी सक्रियता बढ़ी है. इन ट्वीटस में ज्यादातर जिक्र दिल्ली और उत्तर प्रदेश का होता है. जोशी को जब बर्खास्त किया गया था उससे पहले जोशी को इन्ही दोनों राज्यों का प्रभार सौंपा गया था.
जोशी बीते कुछ दिनों में यूपी का कई बार दौरा भी कर चुके हैं, जिससे जोशी की दिल्ली में यूपी में दिलचस्पी का पता चलता है. जोशी और मोदी के बीच की दूरियों का इस बात से पता लगाया जा सकता है कि 16 मई को बीजेपी की ऐतिहासिक जीत के बाद जोशी ने ट्वीट कर देश को धन्यवाद कहा था. इस ट्वीट में मोदी का जिक्र नहीं था.