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मोदी के पब्लिसिटी मॉडल की 10 बातें

स्वच्छता अभियान, मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया जैसे कार्यक्रमों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रचार का कोई मौका नहीं चूकते. स्वच्छता अभियान से अक्सर वो नामी हस्तियों को जोड़ते रहते हैं.

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नरेंद्र मोदी
नरेंद्र मोदी

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स्वच्छता अभियान, मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया जैसे कार्यक्रमों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रचार का कोई मौका नहीं चूकते. स्वच्छता अभियान से अक्सर वो नामी हस्तियों को जोड़ते रहते हैं. मोदी कहते हैं कि वो गुजराती हैं इसलिए बिजनेस उन्हें आता है. हाल ही में किसी ने कहा था कि मोदी प्रचारक रहे हैं इसलिए प्रचार करना जानते हैं. अब तो फेसबुकवाले मार्क जकरबर्ग भी मोदी की इस प्रतिभा का लोहा मानने लगे हैं.

1. मोदी के यूनीक पब्लिसिटी मॉडल की ताजा मिसाल है बिहार के सभी 38 जिलों में एक साथ बीजेपी की प्रेस कॉन्फ्रेंस. इस आयोजन का मकसद है लोगों को ये बताना कि केंद्र की मोदी सरकार ने रेल बजट और आम बजट में बिहार के लोगों को क्या दिया. मीडिया के जरिए सरकार के कामकाज के बारे में लोगों को इस तरीके से जानकारी देना एक नया प्रयोग है.

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2. लोगों तक अपनी बात पहुंचाने के लिए मोदी फेसबुक और ट्विटर सहित सोशल मीडिया का पूरा इस्तेमाल करते हैं. फेसबुक के सीईओ जकरबर्ग भी मानते हैं कि ऐसे देश में जहां इंटरनेट का चौतरफा इस्तेमाल एक बड़ा मुद्दा है, मोदी ने लोगों से जुड़ने के लिए इंटरनेट को प्राइमरी कैंपेनिंग टूल के तौर पर इस्तेमाल किया.

3. मोदी खुद और अपनी सरकार की हर बात ट्विटर के जरिये लोगों तक पहुंचाते हैं. लोक सभा चुनाव के दौरान मोदी ने वोट देने के बाद जब बीजेपी के चुनाव निशान के साथ सेल्फी पोस्ट की थी. ट्विटर पर मोदी के फॉलोवर्स में जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे भी हैं. कभी आबे दुनिया में सिर्फ तीन लोगों को फॉलो करते जिनमें एक उनकी पत्नी और दूसरे मोदी थे. हालांकि अब शिंजो 10 लोगों को फॉलो करते हैं और उनका ट्विटर अकाउंट प्रोटेक्टेड है.

4. मोदी देश के पहले नेता हैं जिन्होंने गूगल हैंगआउट का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया. साल 2012 में बॉलीवुड एक्टर अजय देवगन ने मोदी के गूगल हैंगआउट कार्यक्रम की मेजबानी की और यू-ट्यूब पर उसका लाइव प्रसारण किया गया. मोदी से इस दौरान लोगों ने उनसे ऐसे सवाल किए जैसे अमूमन सेलीब्रिटी से किए जाते हैं. मसलन - मोदी को क्या पसंद है या फिर वो कितनी देर सोते हैं. इसे बाद में खूब प्रचारित किया गया.

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5. लोकसभा चुनावों के दौरान मोदी ने चाय पर चर्चा कार्यक्रम शुरू किया. इस कार्यक्रम के तहत उन्होंने अलग-अलग तबके के लोगों से बात की और अपना एजेंडा समझाया.

6. प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी ने रेडिया पर 'मन की बात' कार्यक्रम शुरू किया. मोदी इस कार्यक्रम में अलग-अलग मुद्दे उठाते रहे हैं. एक बार ये कार्यक्रम अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा के साथ भी संयुक्त रूप से हो चुका है.

7. मोदी की पहली अमेरिका यात्रा और मैडिसन स्कवॉयर पर उनके भाषण को भी बड़े इवेंट के रूप में आयोजित किया गया.

8. पब्लिसिटी पॉजिटिव हो या नेगेटिव चर्चा तो होती ही है. मोदी के नामधारी सूट ने भी उन्हें चर्चा में रखा. उनकी आलोचना जरूर हुई लेकिन दुनिया भर में चर्चा भी हुई जिसमें उन्हें स्टाइल आइकन तक करार दिया गया. नामधारी सूट की नीलामी भी खासी चर्चित रही जो 4.31 करोड़ रुपये में नीलाम हुआ.

9. पब्लिसिटी के लिए मोदी अपने भाषणों पर भी खूब मेहनत करते हैं और उसमें हास्य का पुट भी पिरोते हैं ताकि लोगों की दिलचस्पी बनी रहे. दिल्ली में छात्रों की एक सभा में उन्होंने आधे पानी वाले गिलास की फिलॉसफी अपने तरीके से समझाई. मोदी ने कहा, "मेरी नजर में गिलास न आधा भरा है न आधा खाली है. मैं तो कहता हूं गिलास में आधा हवा है और आधा पानी है." इस बात पर मोदी ने खूब ताली बटोरी. अपने ज्यादातर भाषणों में मोदी कुछ न कुछ ऐसी अनोखी बातें करते रहते हैं.

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10. दिल्ली चुनावों के दौरान एक सेल्फी स्टोर बनाया गया था जहां मोदी की एक आदमकद तस्वीर रखी गई थी. लोग मोदी की तस्वीर के साथ सेल्फी ले सकें उसके लिए ये इंतजाम किए गए थे.

चुनावों में हार पर कांग्रेस नेताओं का कहना था कि यूपीए सरकार के कामकाज में नहीं बल्कि उसके प्रचार प्रसार में कमी रह गई. एनडीए सरकार को कभी ऐसा अफसोस न जाहिर करना पड़े इसलिए सत्तारूढ़ बीजेपी पहले से ही प्रचार प्रसार में जुट गई है. बिहार में चुनाव नजदीक हैं इसलिए एक साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस का पहला प्रयोग वहीं से शुरू हुआ है. मुमकिन है आने वाले दिनों में ऐसे नये नये प्रयोग और देखने को मिले.

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