बिहार के बाहुबली आरजेडी नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन शनिवार को जेल से रिहा हो गए. सीवान के चर्चित तेजाब कांड में हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद शनिवार सुबह वह भागलपुर जेल से रिहा हुए. उन्हें कुछ दिनों पहले पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या के आरोपों में घिरने के बाद सीवान से भागलपुर जेल शिफ्ट किया गया था. जेल से रिहा होने के बाद शहाबुद्दीन 1300 गाड़ियों के काफिले के साथ सीवान रवाना हुए.
नीतीश-लालू पर बरसी बीजेपी
बीजेपी ने शहाबुद्दीन की रिहाई को लेकर नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोला है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि बिहार में अपराध ऐसे ही बढ़ता जा रहा है और शहाबुद्दीन के बाहर आने के बाद कानून-व्यवस्था का पता नहीं क्या होगा. उन्होंने कहा कि शहाबुद्दीन से डरे लोगों को क्या नीतीश सरकार सुरक्षा प्रदान करेगी. बीजेपी के नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश सरकार ने मामलों को कोर्ट में रखने में जानबूझकर ढिलाई की इसी का नतीजा है कि आज शहाबुद्दीन जेल से बाहर है.
सीवान में प्रशासन ने बढ़ाई चौकसी
शहाबुद्दीन के जेल से बाहर आने की खबर मिलते ही सीवान प्रशासन ने चौकसी बढ़ा दी है. जगह-जगह सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है. उनकी रिहाई को लेकर बीजेपी ने आपत्ति जताई है. बीजेपी का कहना है कि जंगलराज के प्रतीक रहे शहाबुद्दीन के बाहर आने की खबर से लोग सहमे हुए हैं.
'लालू ही हमारे नेता'
जेल से बाहर आने के बाद शहाबुद्दीन ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा और कहा कि वे मेरे नेता नहीं हैं और वे बस परिस्थितियों के कारण मुख्यमंत्री हैं. शहाबुद्दीन ने लालू प्रसाद यादव को अपना नेता बताया. उन्होंने कहा, 'लालू यादव ही हमारे नेता हैं. मुझे उनकी ही छत्रछाया में रहना है. मैं अपनी छवि क्यों बदलूं? मैं जैसा हूं, 26 साल तक लोगों ने मुझे इसी रूप में स्वीकार किया है. सब जानते हैं कि मुझे फंसाया गया था. कोर्ट ने मुझे जेल भेजा और अब कोर्ट ने ही मुझे आजाद किया है.
#FLASH Mohammad Shahabuddin released from jail after 11 years in Rajiv Raushan murder case. pic.twitter.com/gDXKk2UKgL
— ANI (@ANI_news) September 10, 2016
तेजाब से नहलाकर की चश्मदीद की हत्या
शहाबुद्दीन दो भाइयों की तेजाब से नहलाकर हत्या करने और बाद में हत्याकांड के इकलौते गवाह उनके तीसरे भाई राजीव रौशन की हत्या के मामले में भागलपुर जेल में बंद थे. दोहरे हत्याकांड में उन्हें हाई कोर्ट से फरवरी में ही जमानत मिल चुकी थी. बुधवार को गवाह की हत्या के मामले में भी अदालत ने उनकी जमानत मंजूर कर ली. इसके बाद उनकी रिहाई हुई.
ऐसे आए विवादों में
शहाबुद्दीन के अपराध की कहानी 15 मार्च 2001 को लालू की पार्टी के एक नेता को गिरफ्तार करने आए पुलिस ऑफिसर संजीव कुमार को थप्पड़ मारने से शुरू हुई थी. इस घटना के बाद शहाबुद्दीन के समर्थकों और पुलिस के बीच काफी लंबी झड़प हुई. थप्पड़ मारने वाले शहाबुद्दीन के घर पुलिस ने छापेमारी की. इस दौरान शहाबुद्दीन के समर्थकों और पुलिस के बीच गई घंटों तक गोलीबारी हुई. इस घटना में 10 लोग मारे गए और पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ा. तभी से उन्हें एक बाहुबली के रूप में पहचाना जाने लगा.
This has got nothing to do with politics, judicial has its own procedures: Mohammad Shahabuddin pic.twitter.com/ijAkc3O2de
— ANI (@ANI_news) September 10, 2016
कौन है मोहम्मद शहाबुद्दीन
शहाबुद्दीन एक ऐसा नाम है जिसे बिहार में हर कोई जानता है. मोहम्मद शहाबुद्दीन का जन्म 10 मई 1967 को सीवान जिले के प्रतापपुर में हुआ था. उन्होंने अपनी शिक्षा दीक्षा बिहार से ही पूरी की थी. राजनीति में एमए और पीएचडी करने वाले शहाबुद्दीन ने हिना शहाब से शादी की थी. उनका एक बेटा और दो बेटी हैं. शहाबुद्दीन ने कॉलेज से ही अपराध और राजनीति की दुनिया में कदम रखा था. किसी फिल्मी किरदार से दिखने वाले मोहम्मद शहाबुद्दीन की कहानी भी फिल्मी सी लगती है. उन्होंने कुछ ही वर्षों में अपराध और राजनीति में काफी नाम कमाया.
सीवान में चलती थी शहाबुद्दीन की हुकूमत
2000 के दशक तक सीवान जिले में शहाबुद्दीन एक समानांतर सरकार चला रहे थे. उनकी एक अपनी अदालत थी. जहां लोगों के फैसले हुआ करते थे. वह खुद सीवान की जनता के पारिवारिक विवादों और भूमि विवादों का निपटारा करते थे. यहां तक के जिले के डॉक्टरों की परामर्श फीस भी वही तय किया करते थे. कई घरों के वैवाहिक विवाद भी वह अपने तरीके से निपटाते थे. वर्ष 2004 में लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने कई जगह खास ऑपरेशन किए थे. जो मीडिया की सुर्खियां बन गए थे.