दिल्ली के एक कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने फिर से धर्मांतरण का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि अभाव और असुविधा को आधार बनाकर धर्म परिवर्तन करवाना गलत है.
दिल्ली में संघ से जुड़े एक संगठन के कार्यक्रम में भागवत ने कहा कि अभाव में रहने वाले लोगों का धर्म परिवर्तन कराना बहुत गलत है. अभी शनिवार को भी मोहन भागवत ने घरवापसी कार्यक्रम को सही करार दिया था. उनका कहना था कि जो लोग भूले भटके हिंदू धर्म से बाहर चले गए हैं उनकी वापसी कराने में कुछ भी बुराई नहीं है.
धर्मपरिवर्तन को लेकर जो कोहराम मचा है, वो रोके नहीं रुक रहा है. मोहन भागवत के बाद अब विश्व हिंदू परिषद ने भी धर्म युद्ध छेड़ दिया है. विश्व हिंदू परिषद के नेता अशोक सिंघल ने कहा का हम धर्मपरिवर्तन के लिए नहीं, दिल जीतने आए हैं.
अशोक सिंघल यहीं नहीं रुके. उन्होंने तीसरे विश्वयुद्ध का डर भी दिखाया. उन्होंने कहा कि इस्लामिक आतंकवाद से तीसरे विश्व युद्ध की ओर बढ़ रही है दुनिया. मुस्लिम, ईसाई और कम्यूनिस्ट की वजह से विश्व युद्ध होना तय है.
केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू भी मानते हैं कि स्वेच्छा से किया गया धर्मांतरण ठीक है, लेकिन अगर ये जबरन होता है, तो गलत है.
संघ और सरकार के इस नजरिये का कांग्रेस ने सख्त विरोध किया है. कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा कि जो बयानात सिंघल दे रहे हैं, उससे दिलों को तोड़ा तो जा सकता है, जीता नहीं जा सकता.
धर्म को लेकर छिड़े युद्ध में एक तरफ सरकार और संघ है, तो दूसरी ओर संपूर्ण विपक्ष. राज्यसभा में विपक्ष सरकार को आंख दिखा रहा है, तो प्रधानमंत्री का मौन रूप चिंगारी को और हवा दे रहा है. देखना है कि धर्मपरिवर्तन पर सरकार विपक्ष का दिल जीतती है या विपक्ष सरकार का.