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भागवत पर पीसी चाको का पलटवार, कहा- संघ और जिहादी ताकतें देश के लिए खतरा

विजयदशमी के मौके पर अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा था कि केरल और बंगाल में जो हो रहा है. सबको पता है. दोनों राज्यों में जिहादी ताकतें बढ़ रही हैं और लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन, राज्य सरकारें अपना दायित्व नहीं निभा रही हैं. 

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मोहन भागवत के बयान पर विपक्ष का पलटवार
मोहन भागवत के बयान पर विपक्ष का पलटवार

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केरल और बंगाल की राजनीति पर संघ प्रमुख मोहन भागवत की टिप्पणी के बाद कांग्रेस के पीसी चाको ने पलटवार किया है. कांग्रेस नेता ने कहा कि जिहादी ताकतें और संघ परिवार जहां भी रहेंगे, देश के लिए खतरा रहेंगे. जहां तक केरल और बंगाल की बात है, तो दोनों राज्यों के लिए कोई स्पेशल कंडीशन नहीं है. चाको ने कहा कि भारत में चरमपंथी ताकतें अपने पैर जमा रही हैं, इसीलिए सरकार का प्रबंधन कमजोर है.

गौरतलब है कि विजयदशमी के मौके पर अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा था कि केरल और बंगाल में जो हो रहा है. सबको पता है. दोनों राज्यों में जिहादी ताकतें बढ़ रही हैं और लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन, राज्य सरकारें अपना दायित्व नहीं निभा रही हैं.  

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भागवत के इस बयान पर कांग्रेस नेता ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का अपना एजेंडा है. इसलिए वह एक ग्रुप को टारगेट कर रहा है. स्वतंत्र समाजवादी लीडर की निर्मम हत्या के बारे में कोई क्यों नहीं बात कर रहा है. समाज का एक वर्ग नफरत बांट रहा है.

उन्होंने कहा कि अगर वे ऐसे ही शिकायतें करते रहे तो भागवत को कोई गंभीरता से नहीं लेगा. इन लोगों को प्रधानमंत्री से शिकायत करनी चाहिए. डोकलाम विवाद पर चाको ने कहा कि जब मामला हल हुआ, तभी से चीन ने आधिकारिक रूप से विरोध करना शुरू दिया. भागवत को यह नहीं पता होगा.

'दूरदर्शन पर भागवत के भाषण का लाइव प्रसारण क्यों?'

पीसी चाको के अलावा सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने मोहन भागवत के भाषण को राष्ट्रीय प्रसारक दूरदर्शन पर लाइव दिखाने को लेकर आलोचना की है. येचुरी ने ट्वीट कर लिखा कि आरएसएस चीफ को नेशनल टीवी पर लाइव दिखाया जा रहा है. क्या उनका भाषण चेक किया गया था. याद रखिए कि इस सरकार ने 15 अगस्त को त्रिपुरा के मुख्यमंत्री का भाषण सेंसर कर दिया था.

येचुरी ने कहा कि नागपुर का प्रसारण दिखाता है कि ये सरकार लोकतंत्र के साथ कैसा व्यवहार करती है. विपक्ष के मुख्यमंत्री का भाषण प्रसारित नहीं होता, लेकिन आरएसएस के मुखिया को पूरी कवरेज मिलती है. जिसे जनता ने चुना भी नहीं है.   

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संघ का अपना एजेंडा, दूसरी सरकारों को कर रहे टारगेट

दूसरी ओर डी. राजा ने कहा कि मोहन भागवत की बात से सहमत नहीं हुआ जा सकता. वे उनके मुखिया हैं और गैर भाजपाई सरकारों को निशाना साध रहे हैं. खासतौर पर केरल सरकार को. ये लोग त्रिपुरा सरकार और पश्चिम बंगाल सरकार पर लगातार हमले कर रहे हैं.

डी. राजा ने कहा कि वे अपना सांप्रदायिक हिंदू एजेंडा लागू करने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसी सरकारों को टारगेट करके लोगों को बांटना चाहते हैं.

'हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ एक्शन लें केरल-बंगाल सरकार'

कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि पश्चिम बंगाल और केरल में जो लोग सरकार के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं वे लोग मोहन भागवत से जुड़े हैं.  उम्मीद करता हूं कि केरल और बंगाल सरकार इनके खिलाफ एक्शन लेगी और जो लोग हिंसा में शामिल हैं उन्हें गिरफ्तार करेगी.  

'रोहिंग्या आतंकी नहीं, सरकार की प्राथमिकता AC वाले'

दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि रोहिंग्या भारत में किसी आतंकी गतिविधि में शामिल हैं. भागवत से पूछना चाहूंगा कि जब प्रधानमंत्री म्यांमार गए थे तो वहां की सरकार से रोहिंग्या को वापस लेने के लिए क्यों नहीं कहा.

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उन्होंने कहा कि सरकार के पास बुलेट ट्रेन के लिए पैसा है, लेकिन एक पुल बनाने के लिए नहीं. कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता एसी में चलने वाले लोग हैं और आम जनता को कुछ भी नहीं मिलता.

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