संघ प्रमुख मोहन भागवत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर परोक्ष रूप से निशाना साधा है. भागवत ने कहा है कि लोकसभा चुनाव में किसी शख्स नहीं बल्कि जनता की वजह से एनडीए को जीत मिली है. गौरतलब है कि शनिवार को बीजेपी राष्ट्रीय परिषद की बैठक में मोदी ने अमित शाह को 'मैन ऑफ द मैच' बताया था. इस पर भागवत ने कहा है, 'बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार के गठन का श्रेय किसी एक व्यक्ति को नहीं बल्कि लोगों को जाता है क्योंकि बदलाव की उनकी इच्छा के चलते यह मुमकिन हो पाया.'
यहां एक कार्यक्रम में शामिल होने आए भागवत ने हालांकि किसी का नाम नहीं लिया. उन्होंने कहा, 'नई सरकार के गठन का श्रेय देश के लोगों को जाता है क्योंकि वे ही बदलाव लाना चाहते थे. ऐसा किसी एक नेता या पार्टी के कारण नहीं हुआ.' भागवत ने कहा कि लोगों को वह सरकार मिली जिसके वे हकदार थे. उन्होंने कहा कि वे ही लोग और वे ही पार्टियां पहले भी मौजूद थीं लेकिन सत्ता में परिवर्तन मुमकिन नहीं हो पाया था.
भागवत ने कहा कि कुछ लोग जीत का श्रेय 'कुछ लोगों को' जबकि कुछ पार्टी को देते हैं लेकिन असल में बदलाव तब हुआ जब देश के लोगों ने इसका फैसला किया.
वोटर देश के मालिक: भागवत
संघ प्रमुख ने देश की सुरक्षा और विकास पर जोर देते हुए कहा कि जिम्मेदारी सरकार पर नहीं बल्कि लोगों पर हैं क्योंकि वोटर ही देश के मालिक हैं. भागवत ने कहा, 'सामाजिक विकास के लिए देश की सुरक्षा जरूरी है.' उन्होंने कहा कि लोग अब 'तलवार' जैसे पारंपरिक हथियार भूल गए हैं और उनकी जगह नए हथियारों ने ले ली है. उन्होंने कहा कि सुरक्षा मुद्दे ने आज कई क्षेत्रों को प्रभावित किया है.
भागवत ने कहा, 'यदि कोई कमजोर हो जाता है तो उस पर वायरस हमला करते हैं. याद रखिए ट्रोजन हार्स को.' उन्होंने कहा कि यह देखना होगा कि कहीं कोई 'दुश्मनों' के लिए दरवाजे तो नहीं खोल रहा.' भागवत ने देश की संस्कृति, परंपरा और सामाजिक तानेबाने को सहेजने पर जोर देते हुए कहा कि नए विचारों के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है ताकि सामाजिक विकास हो सके और एक अपनी पहचान बन सके.
संघ ने छेड़े हिंदू राष्ट्र के सुर
बीजेपी के बाद अब संघ ने भी हिंदू राष्ट्र के सुर छेड़ दिए हैं. संघ का मानना है कि जब इंग्लैंड के लोग अंग्रेज, जर्मनी के लोग जर्मन हो सकते हैं तो हिंदुस्तान के लोग हिंदू क्यों नहीं हो सकते. मोहन भागवत ने कटक में एक समारोह में कहा, 'अगर इंग्लैंड में रहने वाले अंग्रेज हैं, जर्मनी में रहने वाले जर्मन हैं और अमेरिका में रहने वाले अमेरिकी हैं तो फिर हिंदुस्तान में रहने वाले सभी लोग हिंदू क्यों नहीं हो सकते?'
भागवत ने कहा, ‘सभी भारतीयों की सांस्कृतिक पहचान हिंदुत्व है और देश में रहने वाले इस महान संस्कृति के वंशज हैं'. उन्होंने कहा कि हिंदुत्व एक जीवन शैली है और किसी भी ईश्वर की उपासना करने वाला या किसी की उपासना नहीं करने वाला भी हिंदू हो सकता है.
स्वामी विवेकानंद का हवाला देते हुए भागवत ने कहा कि किसी ईश्वर की उपासना नहीं करने का मतलब यह जरूरी नहीं है कि कोई व्यक्ति नास्तिक है. उन्होंने कहा,' हालांकि जिसका खुद में विश्वास नहीं है वो निश्चित तौर पर नास्तिक है. उन्होंने कहा कि दुनिया अब मान चुकी है कि हिंदुत्व ही एकमात्र ऐसा आधार है जिसने भारत को प्राचीन काल से तमाम विविधताओं के बावजूद एकजुट रखा है.