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महामहिम की रेस में नहीं मोहन भागवत, कहा- ठुकरा दूंगा प्रस्ताव

शिव सेना सांसद संजय राउत का कहना था कि भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए भागवत बतौर अगले राष्ट्रपति सही पसंद होंगे. उनके मुताबिक, 'ये देश का सबसे ऊंचा ओहदा है.

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राष्ट्रपति पद से मोहन भागवत का किनारा
राष्ट्रपति पद से मोहन भागवत का किनारा

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राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने साफ कर दिया है कि वो राष्ट्रपति पद के रेस में नहीं हैं. राष्ट्रपति बनाए जाने की खबरों पर अपने एक संबोधन में भागवत ने कहा है कि मीडिया में जो चल रहा है वो होगा नहीं, हम संघ में काम करते हैं और हमें वहां नहीं जाना है. अगर प्रस्ताव आता भी है तो हम उसे स्वीकार नहीं करेंगे.

दरअसल मीडिया के कुछ हलकों में ऐसी खबरें थी कि एनडीए सरकार RSS प्रमुख मोहन भागवत को अगला राष्ट्रपति बना सकती है. शिवसेना की ओर से ऐसी मांग की गई थी कि हिदुत्व का चेहरा और साफ छवि वाले मोहन भागवत को देश का अगला राष्ट्रपति बनाया जाए.

शिव सेना सांसद संजय राउत का कहना था कि भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए भागवत बतौर अगले राष्ट्रपति सही पसंद होंगे. उनके मुताबिक, 'ये देश का सबसे ऊंचा ओहदा है. इसके लिए किसी साफ छवि के शख्स को ही चुना जाना चाहिए. मैंने सुना है कि जिन उम्मीदवारों पर चर्चा हो रही है, उनमें मोहन भागवत भी शामिल हैं.

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'हिंदू राष्ट्र की खातिर भागवत'
संजय राउत ने संकेत दिये कि शिवसेना उन्हें राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार घोषित कर सकती है. उन्होंने कहा, 'अगर भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना है तो भागवत सही पसंद होंगे. हालांकि इस बारे में आखिरी फैसला उद्धव ठाकरे लेंगे.'

अगले राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सहयोगी पार्टी के नेताओं को डिनर पर चर्चा के लिए बुलाया गया था. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल इस साल 25 जुलाई को खत्म हो रहा है. इससे पहले अगले राष्ट्रपति को चुना जाना है.

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