आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को विवादास्पद बयान दिया. उन्होंने कहा कि, "हिन्दू और मुसलमान आपसी सहमति से भारत को श्रेष्ठ तो बना सकते हैं, लेकिन भारत को नंबर वन केवल हिंदुत्व ही बना सकता है. क्योंकि, असल में मुसलमान पहले हिन्दू थे पर बाद में वो मुसलमान बन गए."
भागवत ने ये तीखा बयान मंगलवार को कोलकाता में सिस्टर निवेदिता की 150 वीं बर्सी पर एक प्रोग्राम में दिया. उन्होंने सच्चर कमिटी पर एक मुसलमान दोस्त से जुड़ा किस्सा सुनाते हुए कहा कि, "एक मुस्लिम मित्र ने मुझसे कहा कि मैं सरकार की सच्चर कमिटी का विरोध क्यों करता हूं. मुसलमान भी कभी हिन्दू ही हुआ करते थे. पर अब मुसलमान बन गए है और मुसलमान ही रहेंगे. हम कव्वाली गाते हैं क्योंकि भजन गाने की आदत नहीं गई है."
उन्होंने आगे कहा कि, " आज आप किसी को सांप्रदायिक कहेंगे तो उसे गाली ही माना जाएगा, लेकिन सिस्टर निवेदिता ने जिस संदर्भ में सांप्रदायिक कहा था वो बात अलग थी. भारत की सारी समस्या यही है कि भारत में भारतपन नहीं है. इसीलिए भारत को भारत बनाना है."
रामायण को लेकर भी भागवत बोलने से नहीं चुके. उन्होंने कहा कि जब रामायण दिखाई जाती थी तब पाकिस्तान में भी लोग उसे देखते थे. पूरी दुनिया उसे देखती थी. इसीलिए भारत है तो धर्म है और आध्यामिकता है.