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तिहाड़ में DK शिवकुमार से मिलने पहुंचे अहमद पटेल समेत कई कांग्रेसी नेता

मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार से मिलने गुरुवार को अहमद पटेल, आनंद शर्मा और डीके सुरेश तिहाड़ जेल पहुंचे. इससे पहले तिहाड़ में ही बंद पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम से मिलने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पहुंचे थे.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

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  • मनी लॉन्ड्रिंग केस में कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार तिहाड़ जेल में बंद
  • शिवकुमार से मिलने तिहाड़ जेल पहुंचे अहमद पटेल और आनंद शर्मा

मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार से मिलने गुरुवार को अहमद पटेल, आनंद शर्मा और डीके सुरेश तिहाड़ जेल पहुंचे. इससे पहले तिहाड़ में ही बंद पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम से मिलने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पहुंचे थे.

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने इससे पहले सोमवार को तिहाड़ में बंद पी चिदंबरम से मुलाकात की. माना जा रहा है कि जल्द ही ये दोनों नेता शिवकुमार से भी मुलाकात करने तिहाड़ जेल जा सकते हैं. जेल में बंद नेताओं से कांग्रेस के नेता मिलकर एकजुटता दिखाने की कोशिश कर रहे हैं.

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इससे पहले दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने बुधवार को कर्नाटक कांग्रेस के दिग्गज नेता डीके शिवकुमार की जमानत याचिका खारिज कर दी. मनी लॉन्ड्रिंग केस में शिवकुमार आरोपों का सामना कर रहे हैं. वह फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं और न्यायिक हिरासत में हैं.

प्रभावशाली व्यक्ति हैं शिवकुमारः ED

इससे पहले शनिवार को डीके शिवकुमार की जमानत याचिका पर बहस के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोर्ट को बताया था कि शिवकुमार से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जड़ें काफी गहरी हैं. वह एक प्रभावशाली और शक्तिशाली व्यक्ति हैं, जिसके चलते उनके द्वारा जांच में बाधा डालने की पूरी संभावना है.

ईडी की तरफ से राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज ने कहा कि उनकी न सिर्फ समाज में जड़ें गहरी हैं, बल्कि इस मामले की जड़ें भी काफी गहरी हैं. उन्होंने मामले की जांच में कोई सहयोग नहीं किया. उन्होंने कई अहम सवालों के जवाब भी नहीं दिए.

दूसरी ओर, डीके शिवकुमार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने ईडी की दलीलों का जमकर विरोध किया. उन्होंने कहा कि उनके ऊपर आईटी अधिनियम का आरोप लगाया गया है, जो कि अपराध भी नहीं है. क्या वो जमानत के हकदार नहीं हैं? इस मामले में अपराध भी साबित नहीं हुआ है.

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