नरेंद्र मोदी सरकार की दो महत्वपूर्ण पहल स्वच्छ भारत व स्वच्छ गंगा अभियान पर कंपनियों द्वारा किया गया खर्च उनके कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) पर खर्च में गिना जाएगा. सरकार ने कंपनियों के सीएसआर खर्च का दायरा बढ़ाते हुए अपने इन महत्वाकांक्षी कार्यक्रमों पर खर्च को भी इसमें शामिल करने का फैसला किया है. 'स्वच्छ भारत' से जुड़े उमर, मोदी ने की तारीफ
कंपनी कानून में संशोधन करते हुए कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने कहा है कि स्वच्छ भारत कोष व स्वच्छ गंगा कोष में कंपनियों द्वारा किए गए योगदान को उनकी सीएसआर गतिविधि माना जाएगा. स्वच्छ भारत कोष का गठन स्वच्छ भारत पहल के लिए कॉरपोरेट जगत और अन्य विभिन्न इकाइयों से धन जुटाने के लिए किया गया है. वहीं स्वच्छ गंगा कोष का गठन गंगा नदी की सफाई के लिए धन जुटाने को किया गया है. इन दो पहल को सीएसआर के तहत हाल में लाया गया है.
मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार इन दो पहल में किए गए योगदान को कंपनी कानून की अनुसूची सात में शामिल किया गया है. कंपनी कानून की अनुसूची सात सीएसआर गतिविधियों से संबद्ध है. स्वच्छ भारत व स्वच्छ गंगा मोदी सरकार की प्रमुख पहल हैं. सरकार ने देशभर में सफाई के लिए व्यापक अभियान चलाया है. केंद्र सरकार द्वारा गठित सामाजिक आर्थिक विकास या अनुसूचित जाति-जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक या महिलाओं के कल्याण के लिए गठित किसी कोष या प्रधानमंत्री राहत कोष में किया गया योगदान भी अनुसूची सात में आता है.
कुछ निश्चित वर्ग की कंपनियों को अपने तीन साल के औसत सालाना लाभ का दो प्रतिशत सीएसआर गतिविधियों पर खर्च करना होता है. नए कंपनी कानून का यह नया प्रावधान इस साल एक अप्रैल से लागू हुआ है.