लद्दाख में चीन की घुसपैठ की पृष्ठभूमि में नौसेना ने गुरुवार को कहा कि वह हिन्द महासागर क्षेत्र (आईओआर) में चीनी नौसेना की गतिविधि पर लगातार नजर रख रही है. नौसेना प्रमुख एडमिरल रॉबिन धवन ने कहा, ‘हिन्द महासागर क्षेत्र में चीनी युद्धपोत तैनात किए गए हैं, हमारी लगातार उन पर नजर है और देखते हैं कि उनकी तैनाती का क्या मतलब है. इसके साथ ही हमारे विमान, पनडुब्बियां और युद्धपोत किसी भी तरह की चुनौतियों का सामना करने के लिए हमेशा तैनात रहते हैं.’
उन्होंने कहा, ‘आईओआर हमारे संचालन का क्षेत्र है और हम देखते हैं कि आईओआर में चीन की तैनाती का क्या मतलब है और वह कैसे हमारे लिए चुनौतियां पैदा कर सकते हैं और हम कैसे उनका सामना कर सकते हैं. हम हमेशा तैयार हैं.’ नौसेना प्रमुख ने नौसेना युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो की स्वर्ण जयंती पर आयोजित समारोह से अलग यह टिप्पणी की. चुमार में चीनी सैनिकों ने दो हफ्तों से भी अधिक समय तक घुसपैठ की और भारतीय सैनिकों के साथ उनका गतिरोध बना हुआ है.
नौसेना प्रमुख ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र की घटना को लेकर केवल सेना ही टिप्पणी कर सकती है. उन्होंने कहा कि आईओआर में भारत के समुद्री हितों की देखभाल करने की जिम्मेदारी नौसेना की है.
नौसेना प्रमुख ने कहा, ‘हम उनका (चीनी नौसेना) सामना करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं. समुद्री क्षेत्र में हमारे आर्थिक हित हैं और उनकी सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है.’ हाल के समय में चीनी नौसेना आईओआर में अपने युद्धपोत और पनडुब्बियों तैनात करती रही है.
इस साल चीन और भारत के बीच प्रस्तावित समुद्री वार्ता के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि बंदरगाहों के दौरे और अदन की खाड़ी में समुद्री दस्यु विरोधी अभियानों को लेकर दोनों पक्ष सहयोग करते आए हैं.
यह पूछे जाने पर कि क्या वियतनाम के साथ नियोजित तेल अन्वेषण गतिविधि से जुड़े आर्थिक हितों की रक्षा के लिए भारतीय नौसेना की जरूरत होगी, धवन ने कहा कि जहां भी जरूरत होगी नौसेना वहां अपनी मौजूदगी दिखाएगी. उन्होंने कहा कि नौसेना का पूर्वी बेड़ा हाल में रूस के व्लादिवोस्तोक गया था और वहां से मालाबार युद्ध अभ्यास सीरीज के तहत अमेरिकी और जापानी नौसेना के साथ अभ्यास के लिए प्रशांत महासागर के लिए रवाना हुआ.
नौसेना प्रमुख ने युद्धपोतों के लिए 16 बहुपयोगी हेलीकॉप्टरों की खरीद से जुड़े सौदे के भविष्य को लेकर कहा कि मामला अंतिम चरण में है और उम्मीद है कि जल्दी ही इसे अंतिम रूप दे दिया जाएगा. पिछले साल समुद्र में डूबी आईएनएस सिंधुरक्षक पनडुब्बी की अंतिम जांच रिपोर्ट को लेकर उन्होंने कहा, ‘शायद कुछ मानक संचालन प्रक्रियाओं का अनुपालन नहीं करने से यह हादसा हुआ होगा.’ इस हादसे को लेकर रक्षा मंत्रालय को बोर्ड ऑफ इन्क्वायरी (बीओआई) की रिपोर्ट सौंप दी गई है और नौसेना द्वारा कोई अंतिम फैसला लेने से पहले इसका अध्ययन किया जाएगा.
प्रस्तावित दूसरे स्वदेशी विमान वाहक युद्धपोत से जुड़े एक सवाल के जवाब में धवन ने कहा कि नौसेना इसके लिए एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार कर रही है और जरूरी मंजूरी के लिए इसे जल्द ही रक्षा मंत्रालय को सौंपा जाएगा.
उन्होंने प्रस्तावित युद्धपोत के परमाणु ऊर्जा से चलने की बात को ‘अनुमान’ बताया है.