scorecardresearch
 

कर्नाटक: किसान का नया आइडिया, बंदरों को भगाने के लिए कुत्ते को बनाया 'बाघ'

बंदरों के फसल नष्ट करने से परेशान होकर एक किसान ने अपने पालतू कुत्ते को बाघ की तरह रंग दिया. इस मामले में खास बात ये है कि उनका ये नुस्खा काम भी कर गया. जिसके बाद बाकी किसान भी खास नुस्खे को अजमाने के लिए सामने आए.

Advertisement
X
बाघों की तरह रंगे कुत्ते
बाघों की तरह रंगे कुत्ते

Advertisement

  • ल्लूर गांव के निवासी श्रीकांत गौड़ा ने नया तरीका निकाला
  • फसलों की सुरक्षा के लिए किसानों ने रंगे पालतू लैब्राडोर कुत्ते

कर्नाटक के शिमोगा जिला के तीर्थहल्ली में स्थित नल्लूर गांव से एक अनोखा मामला सामने आया है. जहां बंदरों के फसल नष्ट करने से परेशान होकर एक किसान ने अपने पालतू कुत्ते को बाघ की तरह रंग दिया. इस मामले में खास बात ये है कि उनका ये नुस्खा काम भी कर गया. जिसके बाद बाकी किसान भी खास नुस्खे को अजमाने के लिए सामने आए.

लैब्राडोर कुत्ते को बाघ की तरह रंगा

कर्नाटक के कई हिस्सों में बंदरों की फसलों को खराब करने की समस्या सामने आती रहती है. यही नहीं ऐसे भी कई मामले सामने आए हैं जिनमें बंदरों से परेशान होकर लोगों ने उन्हें जहर भी दिया. इस समस्या से निपटने के लिए तीर्थहल्ली तालुक के नल्लूर गांव के निवासी श्रीकांत गौड़ा ने नया तरीका निकाला. उन्होंने जंगल में प्रयोग होने वाले ज्ञान का उपयोग करने का निर्णय लिया. उन्होंने अपने पालतू लैब्राडोर कुत्ते को बाघ की तरह रंग दिया.

Advertisement

dog-1_120319120102.jpg

इसके बाद इस प्लान में सफलता मिलते देख मालनाद क्षेत्र के कई अन्य किसान आगे बढ़ रहे हैं. उन्होंने ने भी अपने पालतू लैब्राडोर को एक बाघ की तरह रंग दिया है. श्रीकांत गौड़ा ने जोर देकर कहा कि उन्होंने केवल इस उद्देश्य के लिए हेयर डाई का सबसे अच्छा उपयोग किया है.

बाघ से डरते हैं बंदर

उन्होंने बताया, 'आज भी मुझे याद है जब मेरे पिता जी बताते थे कि किस तरह से बाघों को देखते ही बंदर दूर भाग जाया करते थे. उनका कहना था कि 53 एकड़ की फसल को रोपड़ के बंदरों से दूर रख पाना असंभव था. इसलिए, अपने पालतू जानवर को एक बाघ जैसा दिखाना जरूरी था.

dog3_120319120118.jpg

उन्होंने बताया कि अच्छी नजर रखने वाले बंदर अब वही आवाज बनाने लगते हैं जब एक असली बाघ पास में होता है और खेतों से दूर रहता है. उनका दावा है कि जंगलों में बंदरों का कोई भोजन नहीं है क्योंकि ज्यादातर फल देने वाले पेड़ गायब हो गए हैं और इसलिए उन्हें खेतों पर निर्भर रहना पड़ता है.

वहीं कुत्तों को बाघ को रंगने के मुद्दे पर किसान श्रीकांत गौड़ा की बेटी का कहना है 'बंदरों को डराना मेरे पिता का विचार था. पहले बंदर हमारी सभी फसलों को नष्ट कर देते थे. हमारे गांव में हर कोई उनके नुस्खे की नकल कर रहा है.'

Advertisement
Advertisement