देश के ज्यादातर हिस्सों में मानसून के बादल आफत बन कर बरस रहे हैं. दरअसल इस बार वक्त से 17 दिन पहले ही मानसून ने पूरा देश कवर कर लिया. लेकिन ये मानसून आफत बन कर आया है. पहाड़ से लेकर रेगिस्तान तक आधा हिंदुस्तान पानी के प्रहार से परेशान हो गया है. इसी बीच मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है कि अभी आसमान से आफत और बरसेगी.
पढ़ें, पहाड़ से लेकर रेगिस्तान तक कैसे हैं हालात...
जम्मू कश्मीर में आफत की बारिश
जम्मू-कश्मीर के ज्यादातर हिस्सों में 27 जून से रुक-रुककर बारिश हो रही है. इससे झेलम और तवी नदी खतरे के निशान से ऊपर बहने लगी है. इतना ही नहीं यहां की छोटी-छोटी नदियां भी गरज रही हैं.
सांबा सेक्टर के कुलियान इलाके में एक मेटाडोर लहरों में फंस गई. इसमें करीब 20 लोग सवार थे. जब मेटाडोर यहां से गुजर रही थी, तब ज्यादा पानी नहीं था. लेकिन, एकाएक पानी बढ़ गया और लोग फंस गए. लेकिन समय रहते इसमें फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया.
वहीं, जम्मू में भी तवी नदी फुंफकार रही है. लहरें लगातार किनारों को तोड़ रही हैं. शुक्रवार को तवी नदी की बाढ़ में 7 लोग फंस गए. बहाव इतना तेज था कि लहरों में फंसे लोगों के लिए निकल पाना संभव नहीं था. इसके बाद SDRF की टीम ने बचाव ऑपरेशन शुरू किया और फंसे लोगों को निकाला.
बाढ़ और बारिश से श्रीनगर का हाल भी बेहाल है. कुदरत के इस कहर की वजह से लोगों की मुश्किलें कई गुना बढ़ गयी हैं. सूबे में बाढ़ और बारिश से निपटने के इंतजामों को लेकर राज्यपाल एनएन बोहरा ने भी एक आपात बैठक बुलाई और अधिकारियों को तैयार रहने के निर्देश दिए.
हिमाचल में उफान पर नदियां
जम्मू-कश्मीर के साथ ही हिमाचल में भी बारिश के रंग दिखने लगे हैं. चंबा से लेकर पौड़ी तक कई इलाकों में पहाड़ी नदियां उफान पर हैं. हिमाचल के उना में 24 घंटों की भारी बारिश में पहाड़ी नदियां लबालब हो गईं हैं. आलम ये है कि पहाड़ी नदी सडकों के ऊपर से बह रही है और लोग जान पर खेल कर इसे पार कर रहे हैं.
वहीं, 24 घंटे की बारिश ने मंडी के नदियों को भी पानी से भर दिया है. इसकी वजह से डैम पर खतरा मंडराने लगा. शानन हाइड्रो प्रोजेक्ट पर बने डैम में पानी खतरे के निशान से ऊपर आ गया तो डैम के गेट खोलने पड़े. मौसम विभाग के अनुसार अगले 4 दिनों तक हिमाचल प्रदेश में जोरदार बारिश होने के आसार हैं. मौसम विभाग ने कई इलाकों में आंधी-तूफान का भी अलर्ट जारी किया है.
इसके अलावा उत्तराखंड में भी भारी बारिश का अलर्ट है. अगले तीन दिनों तक पूरे राज्य में भारी बारिश हो सकती है. पहले दिन की बारिश में यमुनोत्री ओर गंगोत्री हाइवे को बंद करना पड़ा. बारिश का असर अमरनाथ यात्रा के श्रद्धालुओं पर भी पड़ा है.
रेगिस्तान में भी भरा पानी
बारिश से सिर्फ पहाड़ और मैदान ही नहीं रेगिस्तान भी बेहाल हैं. सूबे के कई इलाकों में घंटों मसलाधार बारिश हुई. इससे बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. बीकानेर शहर के ज्यादातर इलाकों की हालत टापू जैसी हो चुकी है. बारिश से कमजोर मकान भी भरभराकर गिरने लगे हैं. मौसम विभाग के मुताबिक, अगले दो दिनों तक यहां के लोगों को राहत मिलती नहीं दिख रही है.
राजस्थान के ही प्रतापगढ़ में भारी बारिश के चलते कई गांव बारिश के बीच टापू बन गए. नदियों के उफान पर आने से कई रास्ते बंद हो गए और लोग गांवों में ही फंसे रहे. कई कॉलोनियों में ऐसा जल भराव हुआ कि लोगों का घर से बाहर निकलना ही मुहाल हो गया. पिछले चार दिनों में हुई भारी बरसात से पांचली नदी, रोजड नदी, शिवना नदी और जाखम नदी उफान पर है.
नदियों के रास्ते में आने वाले पुल बंद हो चले हैं. और आवाजाही ठप्प हो गई है. आम तौर पर यहां जुलाई में इस तरह की भारी बारिश देखने को मिलती है. लेकिन, इस बार कुछ ज्यादा ही बारिश हो रही है.