देर से ही सही मगर मानसून देश के प्रमुख राज्यों में दस्तक देने लगा है. यूं तो कर्नाटक में 14 जून को ही मानसून पहुंच गया था, मगर अब जाकर ज्यादातर हिस्सों में बारिश होनी शुरू हुई है. अगले तीन से पांच दिनों के भीतर पूरे कर्नाटक में मानसून पहुंचने की संभावना है. उधर तमिलनाडु के चेन्नई में भी गुरुवार को तेज बारिश हो रही है. मौसम विभाग का कहना है कि बारिश का सिलसिला अगले छह दिनों तक जारी रह सकता है.
भारतीय मौसम विभाग की मानें तो 12 साल बाद पहली बार मॉनसून एक्सप्रेस की चाल धीमी है. 18 से 19 जून तक मॉनसून देश के दो-तिहाई हिस्से तक पहुंच जाता था, इस बार उसने सिर्फ 10 से 15 फीसदी इलाके को ही कवर किया है. मौसम विभाग का कहना है कि 19 जून तक 82.4 फीसदी बारिश होनी चाहिए थी, लेकिन फिलहाल 44 प्रतिशत की इसमें कमी है.
मॉनसून की धीमी चाल से किसान परेशान हैं. वजह कि, मॉनसून से खरीफ की फसल प्रभावित हो सकती है. मॉनसून की बारिश में कमी आने से अन्नदाता परेशान हो गए हैं. इस बार ज्यादातर हिस्सों में तो प्री-मॉनसून बारिश भी नहीं हुई. 2007 से लेकर 2019 तक के सीजन में पहली बार मानसून धीमा पड़ा है. 2013 में इसकी गति सबसे तेज थी. जब 16 जून तक मॉनसून ने पूरे देश को कवर कर लिया था. जबकि इस बार मॉनसून अब तक सिर्फ 10 से 15 फीसदी इलाके को ही कवर कर पाया है.