भारत के प्रमुख दक्षिण-पश्चिम मानसून की रफ्तार में इस हफ्ते अच्छी तेजी देखी जा रही है. मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि मानसून में तेजी के लिए लिए वैश्विक मौसम के हालात जिम्मेदार है. मानसून में आ रही तेजी के चलते जहां अगले 24-48 घंटों में मानसून पूरे उत्तर भारत पर अपनी पकड़ बनाने में सफल होगा वहीं जम्मू-कश्मीर के इलाकों तक पहुंचने में भी सफल होगा.
कृषि मौसम के जानकारों का मानना है कि मानसून की रफ्तार में आ रही तेजी से खरीफ फसलों की बुआई को फायदा मिलेगा. खासतौर पर पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के इलाकों में अच्छी से तेज बारिश देखने को मिल सकती है. इससे इन इलाकों में फसलों की बुआई में तेजी आएगी.
मौसम विभाग का मानना है कि देश में एक हफ्ते की देरी से पहुंचे मानसून को अरब सागर में जहां कम दबाव के क्षेत्र से मदद मिली है वहीं अभी तक हुई बारिश से यह लगभग तय हो चुका है कि जून महीने में सामान्य से अधिक बारिश देखने को मिलेगी.
गौरतलब है कि जहां दक्षिण-पश्चिम मानसून देश को 75 फीसदी बारिश देता है और खरीफ बुआई के लिए अहम है वहीं इसके मजबूत रहने से देश में सिंचाई के लिए बने रिजरवॉयर भर जाते हैं और साथ ही बिजली पैदा करने के लिए पर्याप्त जल-भराव मिल जाता है.
आईएमडी के आंकड़ों के मुताबिक जून में शुरुआत से लेकर अबतक कुल 16 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की जा चुकी है. मौसम विभाग का मानना है कि मानसून में यह तेजी जून के अंत तक कायम रहने की उम्मीद है.