मानसून ने आखिरकार केरल में दस्तक दे दी है. 8 दिन की देरी से केरल पहुंचे मानसून के बाद यहां के तटीय इलाकों में बारिश शुरू हो गई है. मौसम विभाग के अधिकारी के मुताबिक केरल के कई हिस्सों में बारिश हो रही है. यह खबर देश के लिए अच्छी है क्योंकि बड़ा हिस्सा कृषि संकट से जूझ रहा है. पश्चिम और दक्षिण भारत में जलाशयों के जल स्तर निम्न स्तर तक चले गए हैं.
अधिकांश ग्रामीण भारत चार महीने के मानसून के मौसम पर निर्भर करता है, जिसमें वार्षिक वर्षा का 75 प्रतिशत हिस्सा होता है. एक अच्छे मानसून का अर्थव्यवस्था पर सीधा प्रभाव पड़ता है क्योंकि कृषि भारत की जीडीपी में प्रमुख योगदानकर्ता है.
इससे पहले मौसम विभाग ने कहा था कि केरल में मानसून 6 जून को पहुंचेगा. मौसम पूर्वानुमान लगाने वाली प्राइवेट एजेंसी स्काईमेट ने जानकारी दी थी कि मानसून इस बार 4 जून तक दस्तक दे सकता है.आमतौर पर केरल में मानसून शुरू होने की तारीख एक जून रहती है.
JUST IN: #Monsoon2019 has finally arrived over #Kerala today after a delay of one week. Follow us for 24*7 updates on #Monsoon rains and its progress.
— SkymetWeather (@SkymetWeather) June 8, 2019
कई जगह तापमान 50 पार
उत्तर भारत, मध्य भारत और दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में 45 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान दर्ज किया गया है. वहीं राजस्थान के कुछ हिस्सों में पारा 50 डिग्री से अधिक हो गया है.
जहां तक दिल्ली की बात है तो यहां पर मानसून दो से तीन दिन की देरी से पहुंच सकता है. शहर में सामान्य मानसून रहने की संभावना है. उत्तर पश्चिम भारत में भी सामान्य मानसून रहने की संभावना है.
उत्तर भारत में पड़ रही भीषण गर्मी के कारण पानी की किल्लत भी होने लगी है. राजस्थान के रेतीले इलाकों में तो जीना दुश्वार हो गया है. चुरू में पारा 50 डिग्री के निशान को भी पार कर 51 तक पहुंच चुका है. राजस्थान के ही जोधपुर में तमाम जलाशय सूख चुके हैं. ग्रामीण इलाकों में पानी का संकट और गहरा गया है. जून के महीने में शहर का औसत अधिकतम तापमान 47.7 डिग्री दर्ज हुआ है.