मौसम विभाग ने जुलाई में उत्तर भारत में मानसून की झमाझम बारिश की संभावना जताई है. इस संभावना के मद्देनजर हिमाचल और उत्तराखंड के तमाम इलाकों में भारी बारिश होने का अलर्ट भी जारी कर दिया गया है. ऐसा अनुमान है कि 1 जुलाई की रात से दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के तमाम इलाकों में बादलों की आवाजाही तेज हो जाएगी और इससे कई जगह पर बारिश की संभावना बढ़ जाएगी.
इस बीच गुरुवार शाम को दिल्ली में हल्की बारिश हुई, जिससे मौसम सुहावना हो गया.
वहीं पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हिमाचल और उत्तराखंड के ज्यादातर इलाकों में 2 जुलाई से झमाझम मानसूनी बारिश की खासी संभावना बताई जा रही है.
हिमालय के तलहटी इलाकों में होगी जोरदार बारिश
दरअसल मानसून की हवाएं अब मध्य भारत होते हुए उत्तर भारत की तरफ रुख कर चुकी है. 1 जुलाई को बंगाल की खाड़ी की नम हवाएं एक बार फिर से मैदानी इलाकों में जोर पकड़ेंगी. लेकिन इसी समय एक कमजोर वेस्टर्न डिस्टर्बेंस भी पाकिस्तान होते हुए हिंदुस्तान में दाखिल हो रहा है. लिहाजा मानसून और वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के बीच में टकराव शुरू हो जाएगा. इससे हिमालय की तलहटी में बसे तमाम इलाकों में जोरदार बारिश होने की संभावना बढ़ गई है.
दो वेदर सिस्टम के बीच होने जा रहा टकराव जहां एक तरफ पंजाब, हरियाणा, दिल्ली एनसीआर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मानसून ले आएगा तो वहीं दूसरी तरफ 2 जुलाई से झमाझम बारिश का सिलसिला कई इलाकों में शुरू कर देगा.
मानसून ने पकड़ा जोर
मौसम विभाग का कहना है कि मानसून की हवाओं ने अब एक बार फिर से रफ्तार पकड़ ली है. पूरे जून की बात करें तो मानसून सामान्य से 12 फीसदी कम रहा है. लेकिन ये तब हुआ है जब मानसून हफ्ते भर की देरी से आया है. इसका सीधा सा मतलब ये है कि मानसून की बारिश जिन इलाकों में भी हुई है वहां पर जोरदार बारिश रिकॉर्ड की गई है.
सामान्य से कम बारिश
आंकड़ों के मुताबिक मानसून की बारिश सबसे कम गुजरात में रही है और यहां पर जून के महीने में हुई बारिश सामान्य के मुकाबले 75 फीसदी कम हुई है. जून के महीने में जो हुआ सो हुआ बहरहाल मौसम के कम्प्यूटर मॉडल ये दिखा रहे हैं कि जुलाई के महीने में जोरदार बारिश की संभावना ज्यादा है. ऐसे में जुलाई की शुरुआत में ही जोरदार बारिश की संभावना से किसी का भी मन प्रसन्न हो जाएगा.