काम के अंबार के बीच संसद का मानसून सत्र ठप है. सुषमा स्वराज के मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे के कारण सोमवार को भी सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित हुई. लेकिन लगातार चले आ रहे विरोध के बीच एकजुट विपक्ष अब अलग-थलग पड़ती नजर आ रही है. सपा प्रमुख मुलायम सिंह ने साफ शब्दों में कहा कि उनकी पार्टी कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन में अब साथ नहीं देगी, वहीं खबर है कि कुछ और दल भी चर्चा के पक्ष में हैं.
सांसदों के निलंबन से लेकर सुषमा स्वराज, वसुंधरा राजे और शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे की मांग को लेकर कांग्रेस ने विरोध 'एकला चलो' की राह पर शुरू किया. लेकिन दूसरे विपक्षी दलों को भी सरकार को घेरने का यह सबसे अनुकूल मौका लगा. 21 जुलाई से अब तक यानी 19 दिन बाद भी संसद में काम नहीं हुआ है. सरकार का कहना है कि वह हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन कांग्रेस नीत विपक्ष चर्चा से पहले इस्तीफे की मांग कर रही है. हालांकि सोमवार को कई दलों के सुर अब जाकर ढीले पड़ते नजर आए.
समाजवादी पार्टी के मुखिया और सांसद मुलायम सिंह यादव ने लोकसभा अध्यक्ष से कहा है कि उनकी पार्टी के सांसद सदन में कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन में हिस्सा नहीं लेंगे. लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने संसद के निचले सदन से गतिरोध खत्म करने का रास्ता निकालने के लिए सोमवार को सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की बैठक बुलाई थी.
दूसरी ओर, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को एक बार फिर कहा कि सरकार हर मुद्दे पर बहस के लिए तैयार है, लेकिन कांग्रेस चर्चा और बहस से भाग रही है.
'कांग्रेस की मर्जी से नहीं चलेगा सदन'
सूत्रों ने बताया कि बैठक में मुलायम ने कहा कि एसपी सांसद विरोध प्रदर्शन से अलग रहेंगे. वह चाहते हैं कि सदन चले. सूत्रों के मुताबिक, मुलायम ने यह भी कहा कि सदन का काम कांग्रेस नेतृत्व की मर्जी और सनक के हिसाब से नहीं चलेगा.
इससे पहले लोकसभा में अध्यक्ष की आसंदी के निकट नारे लिखी तख्तियों के साथ कांग्रेस का प्रदर्शन हुआ. सांसदों ने जमकर नारेबाजी की. एक और दिन हंगामे की भेंट चढ़ता देख मुलायम सिंह यादव ने सुझाव दिया कि अध्यक्ष कोई रास्ता निकालने के लिए सभी सांसदों की एक बैठक बुलाएं. संसद का कामकाज देखने आए भूटानी प्रतिनिधिमंडल के सामने भी सांसदों ने हंगामा जारी रखा.
मुलायम सिंह ने कहा, 'आपको सुनिश्चित करना होगा कि सदन का कामकाज चल पाए. ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि आपने किसी से बात नहीं की है. इसके जवाब में अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि वह विभिन्न पार्टियों के सदस्यों से पहले ही बात कर चुकी हैं और अगर वे सहमत होते हैं, तो वह अब भी ऐसा करने को तैयार हैं.' सुमित्रा महाजन ने कहा, 'आप बस उनसे पूछिए कि वे तैयार हैं या नहीं. मैं तुरंत सदन की कार्यवाही स्थगित कर दूंगी और आप लोगों को बुलाऊंगी.'
इसके बाद हंगामे और शोरशराबे के बीच अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी. दोपहर में दोबारा सदन की कार्यवाही शुरू होने पर उपाध्यक्ष एम. थंबी दुरई ने कार्यवाही अपराह्न 12:30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.