तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) शुक्रवार को मोदी सरकार के खिलाफ संसद में अविश्वास प्रस्ताव से पहले सभी विपक्षी दलों को मनाने में जुट गई है. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू का दरखास्त लेकर टीडीपी के 4 सांसदों का प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से उनके घर जाकर मिला और समर्थन मांगा.
टीडीपी के सांसद टीजे वेंकटेश, वाईएस चौधरी, के नारायण और नरसिम्हा राव ने केजरीवाल से मुलाकात की और उन्हें चंद्रबाबू नायडू का संदेश दिया. साथ ही मोदी सरकार पर आंध्र प्रदेश की अवहेलना का आरोप लगाते हुए इन चारों सांसदों ने अरविंद केजरीवाल से मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर AAP का समर्थन मांगा.
इन चारों सांसदों के केजरीवाल से मुलाकात के बाद AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि बीजेपी की केंद्र सरकार लगातार राज्यों में जिस तरीके से दखल दे रही है. राज्यों के अधिकार खत्म कर रही है. ऐसे में सभी दलों को मोदी सरकार के खिलाफ एकजुट होना होगा.
आंध्र प्रदेश के साथ हुई नाइंसाफी
केजरीवाल से मुलाकात करने के बाद टीडीपी के सांसद वाईएस चौधरी ने कहा मोदी सरकार ने आंध्र प्रदेश के साथ नाइंसाफी की है. आंध्र प्रदेश की जनता के अधिकारों के लिए चंद्रबाबू नायडू केंद्र सरकार से लड़ रहे हैं. उसके लिए सभी पार्टियों से टीडीपी समर्थन मांगेगी. इस बीच टीडीपी को भी एक झटका लगा है जब उनके अपने सांसद जेसी दिवाकर रेड्डी ने पार्टी के व्हिप का उल्लंघन करते हुए अविश्वास प्रस्ताव से दूर रहने का ऐलान किया है.
वहीं एनडीए के घटक दलों ने सरकार को समर्थन देने का ऐलान किया है. अग्निपरीक्षा के पहले सरकार को सबसे बड़ी राहत मिली है. क्योंकि सरकार के सहयोगी साथ खड़े हैं. बीजेपी के घटक दल शिरोमणि अकाली दल ने शुक्रवार को अविश्वास प्रस्ताव के दौरान मोदी सरकार को समर्थन देने का ऐलान किया है. शिरोमणि अकाली दल के राज्यसभा सांसद नरेश गुजराल ने 'आजतक' से बातचीत की.
मोदी सरकार के पास पूरे नंबर: नरेश गुजराल
उन्होंने कहा, 'इसे सरकार की अग्निपरीक्षा मीडिया ने बनाया है. यह कोई परीक्षा नहीं है. सरकार और एनडीए के पास पूरे नंबर हैं. आंकडा सरकार के साथ जाएगा और बहुत बड़े नंबर के साथ जाएगा. मैं यह मानता हूं सरकार को उस वक्त टीडीपी के साथ कोई ना कोई फैसला करना चाहिए था. किसी भी गठबंधन में यह सरकार का दायित्व है कि वह अपने सहयोगियों को ना जाने दे.'
उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान के लोगों को एक फैसला जरूर लेना होगा कि अगले 5 साल उनको किस तरह की सरकार चाहिए. एक मजबूत सरकार चाहिए और एक ऐसा प्रधानमंत्री चाहिए जो मजबूती के साथ देश को नेतृत्व कर सकें या आर्थिक ट्रांसफॉर्मेशन देश में ला सकें या नौजवानों को नौकरी दिला सके.फैसले 2019 में देश की जनता करेगी. अविश्वास प्रस्ताव के नतीजों का चुनाव के साथ कोई ताल्लुक नहीं है.