संसद के मानसून सत्र के तीसरे दिन बुधवार को राज्यसभा और लोकसभा में कांग्रेस ने ऊना में दलित नौजवानों पर हुए अत्याचार का मामला उठाया. विपक्ष के हंगामे के बीच लोकसभा में गृह मंत्री ने बयान देते हुए घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी इस घटना से बहुत आहत थे.
राजनाथ ने कहा, 'इस घटना की जितनी भी निंदा की जाए वह कम है. पीएम मोदी ने विदेश से लौटते ही 12 जुलाई को मुझसे बात की थी और घटना की जानकारी ली थी. वह इससे बहुत आहत थे.' गृह मंत्री ने कहा कि मामले में अब तक 9 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. युवह मृत जानवर की शरीर का खाल निकाल रहे थे.
स्पेशल कोर्ट का प्रयास जारी
गृह मंत्री ने आगे कहा कि मामले में राज्य सरकार ने सीआईडी (क्राइम) को जांच सौंपी है. स्पेशल कोर्ट को लेकर प्रयास जारी है. उन्होंने कहा, 'मामले की जांच में राज्य सरकार अच्छा काम कर रही है. दलितों पर अत्याचार सामाजिक बुराई है. कुछ लोगों ने युवकों की पिटाई की, जिनके खिलाफ तेजी से कार्रवाई की गई.'
9 arrested in connection with Una incident, 7 remanded to judicial custody, rest 2 sent to police custody: HM in LS pic.twitter.com/v6SWHG4ldT
— ANI (@ANI_news) July 20, 2016
राजनाथ सिंह ने विपक्ष को घेरते हुए कहा कि मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद दलितों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं में कमी आई है. मंत्री ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में दलितों पर अधिक अत्याचार हुआ. हालांकि उनके ऐसा कहते ही सदन में विपक्ष का शोर बढ़ गया. आलम यह रहा है कि गृह मंत्री को कई बार अपना बयान बीच में रोकना पड़ा.
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संसदीय जांच का ऐलान करे सरकार: खड़गे
राजनाथ सिंह के बयान पर आपत्ति और नाराजगी जाहिर करते हुए कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि अगर सरकार को इतना ही दुख है तो वह संसदीय जांच का ऐलान करे. जेपीसी मौके पर जाकर जांच करे.
राज्यसभा में हंगामा, कार्यवाही स्थगित
बुधवार को कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस ने राज्यसभा में यह मुद्दा उठाया, जिसके बाद विपक्षी दलों ने सरकार के खिलाफ हंगामा शुरू कर दिया. सदन की कार्यवाही पांच बार स्थगित की गई, जिसके बाद इसे गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया.
कांग्रेस ने ऊना हिंसा के मुद्दे को लेकर नोटिस भी दिया था. राज्यसभा की कार्यवाही को शुरू होते ही पहले 10 मिनट के लिए और फिर 12 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा. 12 बजे जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई, सदन में बीएसपी, टीएमसी और जेडीयू के सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया. लिहाजा कार्यवाही 12:31 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. बाद में चौथी बार कार्यवाही को 2 बजे तक के लिए स्थगित किया गया, जबकि फिर यह 2:30 बजे तक के लिए स्थगित हुआ.
मायावती का बयान, हंगामा और स्थगन
राज्यसभा की कार्यवाही 2:30 बजे फिर से शुरू हुई तो सदन बीएसपी सुप्रीमो मायावती के नाम रहा. यूपी बीजेपी के उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह ने मायावती को अपशब्द कहा, जिसका जवाब पार्टी सुप्रीमो ने ऊपरी सदन में दिया. मायावती के जवाब के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली बीजेपी नेता के बयान पर जवाब देने के लिए उठे, लेकिन हंगामे और शोर के बीच उन्होंने बोलने नहीं दिया गया. इसके बाद सदन की कार्यवाही गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी गई.
राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष के सदस्यों ने सरकार पर दलित अत्याचार का आरोप मढ़ते हुए हंगामा करना चालू कर दिया. इसके पहले कांग्रेस की ओर से इस मामले पर चर्चा का प्रस्ताव किया था.