असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के मुद्दे पर कांग्रेस, सपा और टीएमसी के सदस्यों के हंगामे की वजह से सोमवार को राज्यसभा की कार्यवाही बगैर कामकाज के दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई. मॉनसून सत्र में यह पहला ऐसा मौका है जब सदन को हंगामे की वजह से 3 बार स्थगित करना पड़ा.
NRC पर जमकर हुआ हंगामा
हंगामे की वजह से राज्यसभा में शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो सका और कुल मिलाकर सिर्फ 12 मिनट तक ही कार्यवाही चल सकी. असम में एनआरसी का बहुप्रतीक्षित दूसरा और अंतिम ड्राफ्ट आज जारी हुआ है. असम के नागरिकों की पहचान के लिए सबूत माने जाने वाले NRC का पहला ड्राफ्ट 31 दिसंबर और एक जनवरी की मध्य रात्रि को जारी हुआ था. आज जारी दूसरे और अंतिम ड्राफ्ट पर राज्यसभा में कांग्रेस, सपा और टीएमसी के सांसदों ने हंगामा किया.
सभापति एम वेंकैया नायडू ने जैसे ही सदन में शून्यकाल शुरू करने को कहा, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओब्राईन ने NRC का मुद्दा उठाया. उनकी पार्टी के सदस्यों के साथ ही कांग्रेस और सपा के सदस्यों ने भी एनआरसी के मुद्दे पर तत्काल चर्चा की मांग की. इसपर नायडू ने कहा कि उन्हें इस मुद्दे पर चर्चा के लिए न तो कोई नोटिस मिला है और न ही कोई पत्र मिला है. उन्होंने कहा कि आज कुछ सदस्यों ने उनसे मुलाकात की और कहा कि आज वह NRC का मुद्दा सदन में उठाना चाहते हैं.
सभापति ने यह भी कहा कि उन्होंने खुद ही गृह मंत्री से सदन में आने का अनुरोध किया था ताकि सदस्यों के सवालों के जवाब दिए जा सकें. नायडू ने सदस्यों से शांत होने की अपील करते हुए कहा कि वह खुद चाहते हैं कि एनआरसी के मुद्दे पर सदन में चर्चा हो. उन्होंने कहा कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह सदन में मौजूद हैं और वह चाहेंगे कि गृह मंत्री एनआरसी के मुद्दे पर अपना पक्ष रखें.
चार बार कार्यवाही स्थगित
वेंकैया नायडू ने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा कि वह कार्यवाही चलने दें अन्यथा सदन स्थगित कर दिया जाएगा. इसी दौरान तृणमूल कांग्रेस के सदस्य आसन के करीब आ गए. सभापति ने उनसे अपने स्थानों पर लौट जाने और कार्यवाही चलने देने की अपील की. लेकिन सदन ऑर्डर में न देख उन्होंने बैठक को पहले 11 बजकर 11 मिनट पर, फिर दोपहर बारह बजे, फिर 2 बजकर 11 मिनट तक और आखिर में 2 बजकर 12 मिनट पर दिनभर के लिए स्थगित कर दिया.
राज्यसभा में सदन की कार्रवाही शुरू होने के साथ ही NRC के मुद्दे पर हंगामा शुरू हो गया. उच्च सदन में सुबह दिवंगत पूर्व सदस्य एन तंगराज पांडियन को श्रद्धांजलि दी गई और इसके बाद सदन के पटल पर दस्तावेज रखे गए. लेकिन इसके बाद सदन की कार्यवाही नहीं चल सकी.
अहम बिल हुए पारित
दस अगस्त तक चलने वाले इस मॉनसून सत्र में नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट अमेंडमेंट बिल 2018, भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) विधेयक, स्पेसिफिक रिलीफ (संशोधन) बिल 2018 और नीरव मोदी-विजय माल्या जैसे आर्थिक अपराधियों पर नकेल कसने वाला भगोड़ा आर्थिक अपराधी अध्यादेश को राज्यसभा से पारित किया जा चुका है.
बता दें कि बीते बजट सत्र में राज्यसभा और लोकसभा दोनों ही सदनों में आंध्र प्रदेश, कावेरी जैसे मुद्दों पर जोरदार हंगामा देखने को मिला था जिसकी वजह से सदन का कामकाज बुरी तरह बाधित रहा था. लेकिन आज से पहले यह मॉनसून सत्र कामकाज के लिहाज से बेहतर रहा और कई बिल संसद से पारित हुए. लोकसभा में गृहमंत्री के जवाब के बाद NRC के मुद्दे पर हंगामा शांत रहा है और कार्यवाही सुचारू ढंग से चल सकी है.