बारिश की बूंद के लिए तरस रही तपती धरती और गर्मी से परेशान देशवासियों के लिए एक अच्छी खबर है. मौसम विभाग ने गुरुवार को संभावना जाहिर की है कि इस बार सामान्य से अधिक बारिश होगी. जबकि मानसून के लिए थोड़ा इंतजार करना होगा. केरल में मानसून 4 से 5 दिनों में दस्तक देगा.
मौसम विभाग के मुताबिक, इस बार जून-सिंतबर के दौरान मध्य भारत और दक्षिण भारत में मानसून भारी बारिश लेकर आएगा. उत्तर-पश्चिम भारत में भी इस दौरान सामान्य के मुकाबले ज्यादा बारिश होने की पूरी संभावना है. दूसरी तरफ भूमध्य रेखा से मानसून की हवाओं ने रफ्तार पकड़ी है. ऐसे में केरल में मानसून अगले 4 से 5 दिन में दस्तक दे देगा.
6-7 जून को केरल पहुंचेगा मानसून
मौसम विभाग ने देश में मानसून की बारिश के वितरण को लेकर जारी किए गए पूर्वानुमानों में ऐसी उम्मीद जताई है. अनुमान है कि मानसून केरल में 6 या 7 जून तक
पहुंच जाएगा. दुनियाभर में मानसून को प्रभावित करने वाले ज्यादातर कारक इसके लिए अनुकूल बताए जा रहे हैं. लिहाजा मौसम विभाग ने कहा है कि इस बार मानसून की घटाएं झूमकर बरसेंगी और बारिश सामान्य से ज्यादा रहने की संभावना है.
पूरे देश में ऐसा रहेगा मानसून!
विभाग के महानिदेशक एलएस राठौर के कहते हैं, 'उत्तर-पश्चिम भारत में मानसून की बारिश सामान्य के मुकाबले 108 फीसदी रहेगी. मध्य भारत में इस बार झमाझम बारिश होगी और यहां पर मानसून सामान्य के मुकाबले 113 फीसदी रह सकता है. दक्षिण भारत में मानसून की बारिश सामान्य के मुकाबले 113 फीसदी रहने की संभावना है, जबकि पूर्वोत्तर में इस बार मानसूनी बारिश सामान्य के मुकाबले महज 94 फीसदी रहेगी.'
जुलाई-अगस्त में अच्छी बारिश तय
बताया जाता है कि इस समय प्रशांत महासागर से अलनीनो अलविदा हो चुका है. यहां पर न्यूट्रल कंडीशन बन चुकी है. ऐसे में इस बात की पूरी संभावना है कि जुलाई खत्म होते-होते प्रशांत महासागर में अलनीनो की स्थिति पैदा हो जाए. अलनीनो मानसून के लिए हमेशा ही फायदेमंद साबित होता है. अभी तक देखा गया है कि अलनीनो की स्थिति में 96 फीसदी वर्षों में मानसून सामान्य या इससे ज्यादा रहा है. ऐसे में मौसम वैज्ञानिक इस बात को लेकर काफी आश्वस्त है कि जुलाई और अगस्त में बहुत अच्छी बारिश देखी जाएगी.
भारी बारिश के कारण बाढ़ की भी संभावना
जुलाई के महीने में सामान्य के मुकाबले 116 फीसदी तक बारिश हो सकती है. इसी के साथ अगस्त के महीने में सामान्य के मुकाबले 113 फीसदी की बारिश की
संभावना है. इसका सीधा मतलब यह हुआ कि इस बार जुलाई और अगस्त में देश के कई इलाकों में भारी बाढ़ की संभावना बनेगी.