देश में बारिश की कमी से ऐसा आभास हो रहा है कि मॉनसून फेल हो गया है. खबरें आ रही हैं कि खेतों में सिंचाई का पानी नहीं है और तालाब वगैरह भी सूख रहे हैं. लेकिन मौसम विभाग का कहना है कि इसमें दो राय नहीं है कि मॉनसून लेट हो गया है लेकिन यह फेल नहीं हुआ है.
एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में भारतीय मौसम विभाग के डायरेक्टर डीएस पै ने कहा कि अभी बेशक बारिश कम हो रही है लेकिन जुलाई और अगस्त में इसकी भरपाई हो जाएगी और अनाजों की बुवाई भी अच्छे से हो जाएगी. इसलिए अनाजों के मामले में अभी चिंता की कोई बात नहीं है. उन्होंने कहा कि भारत के ज्यादातर इलाकों में बुवाई का सीजन जुलाई के पहले या दूसरे हफ्ते से शुरू होता है. उस समय अगर बारिश नहीं हुई तो यह चिंता का विषय हो सकता है.
पै ने कहा कि मॉनसून में थोड़ा विलंब हो गया है लेकिन मौसम विभाग को उम्मीद है कि जुलाई और अगस्त में अच्छी बारिश होगी. उन्होंने बताया कि मॉनसून दक्षिणी गुजरात, महाराष्ट्र के कई हिस्सों, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और पूर्वोत्तर के कई हिस्सों में पहुंच चुका है. इसके अलावा वह पूर्वी उत्तर प्रदेश और पूर्वी मध्य प्रदेश में भी जा पहुंचा है. हालांकि देश में अभी बारिश में 37 प्रतिशत की कमी है जिसमें सबसे ज्यादा मध्य भारत में है. लेकिन जुलाई में यह कमी पूरी हो सकती है.
पहले भी कई बार ऐसा हो चुका है. दरअसल इस बार दिसंबर से मई के बीच उत्तर भारत में काफी बारिश हुई है. इससे बादल भी खूब आए और जमीन गर्म नहीं हो पाई. जब जमीन गर्म होती है तो मॉनसून आगे बढ़ता है और ठंडी होती है तो उसका बढ़ना रुक जाता है. इस बार भी ऐसा ही हुआ है और यहां मॉनसून देर से आ रहा है.
पै ने कहा कि मॉनसून अवधि के अभी सौ दिन बाकी हैं और इस दौरान पूरी बारिश हो सकती है. इसलिए मौसम विभाग को पूरी उम्मीद है कि मॉनसून उसकी भविष्यवाणी के अनुरूप 93 प्रतिशत होगा.
बुधवार को मौसम विभाग ने अपने आकलन में बताया कि मॉनसून वेरावल, सूरत, नासिक, वासिम, मध्य प्रदेश के दमोह और उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर की ओर बढ़ रहा है.