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MOTN: अगर आज लोकसभा चुनाव होते तो जानें 2019 से कितना अलग होता नतीजा

MOTN के इस सर्वे में 2019 के लोकसभा चुनाव के नजरिए से देखें तो एनडीए को 353 जबकि बीजेपी को अपने दम पर 303 सीटें मिली थी. इस तरह से पिछले चुनाव की तुलना में एनडीए की 37 सीटें घटती दिख रही हैं तो बीजेपी को भी 20 सीटों का नुकसान होने की संभावना है.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)

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  • आज हुए चुनाव तो कम हो जाएगी BJP और NDA की सीटें
  • सर्वे में NDA को 316, बीजेपी को 283 सीटों का अनुमान
  • आजतक के सर्वे में कांग्रेस को भी सीटों का नुकसान

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को दूसरी बार जीतकर आए हुए एक साल से ज्यादा का वक्त हो गया है. मई 2019 को आए चुनावी नतीजों में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए ने धमाकेदार जीत हासिल कर एक बार फिर केंद्र की सत्ता पर कब्जा किया था. तब से अब तक कितना बदला है वोटरों का मिजाज ‘आजतक’ ने ये जाना अपने खास सर्वे ‘देश का मिजाज’ में.

आजतक के लिए ये सर्वे कार्वी इनसाइट्स लिमिटेड ने किया और इसके नतीजे बताते हैं कि यदि आज चुनाव हों तो भी बीजेपी अपने दम पर बहुमत के जादुई आंकड़ा पार कर लेगी लेकिन 2019 के नतीजों की तुलना में न सिर्फ बीजेपी बल्कि एनडीए की सीटें भी घट जाएंगी.

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‘आजतक’ के लिए कार्वी इनसाइट्स ने यह सर्वे देश के 19 राज्यों के 97 संसदीय और 194 विधानसभा क्षेत्रों में किया. सर्वे 15 जुलाई से 27 जुलाई के बीच किया गया. सर्वे के मुताबिक 543 लोकसभा सीटों में से नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले एनडीए को 42 फीसदी वोटों के साथ 316 सीटें मिलतीं जबकि बीजेपी को अकेले दम पर 36 फीसदी वोटों के साथ 283 सीटें हासिल होतीं.

2019 के लोकसभा चुनाव के नजरिए से देखें तो एनडीए को 353 जबकि बीजेपी को अपने दम पर 303 सीटें मिली थी. इस तरह से पिछले चुनाव की तुलना में एनडीए की 37 सीटें घटती दिख रही हैं तो बीजेपी को भी 20 सीटों का नुकसान होने की संभावना है.

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सर्वे के मुताबिक सोनिया गांधी के नेतृत्व वाले यूपीए को 27 फीसदी वोटों के साथ 93 सीटें मिलतीं. कांग्रेस को अपने दम पर 19 फीसदी वोट और 49 सीटें हासिल होतीं. इस तरह से कांग्रेस को 2019 के लोकसभा के चुनाव की तुलना में 3 सीटों का नुकसान झेलना पड़ता, हालांकि यूपीए की दो सीटें बढ़ जातीं. कांग्रेस को 2019 में 52 सीटें मिली थीं जबकि यूपीए के खाते में 91 सीटें आई थीं.

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बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के साथ अकाली दल, जेडीयू, एलजेपी, एआईएडीएमके, आजसू, अपना दल, आरएलपी, डीएमडीके, असम गढ़ परिषद सहित पूर्वोत्तर के एआईएनआरसी, बीडीजेएस, बीपीएफ, केईसी, एनडीपीपी और एनपीएफ जैसे दल है. वहीं, कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए के साथ डीएमके, आरएलडी, एनसीपी, जेएमएम, जेडीएस, जेवीएम, आईयूएमएल, नेशनल कॉफ्रेंस, आरएलएसपी सहित कई अन्य छोटे दल शामिल हैं.

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देश में कई ऐसे राजनीतिक दल हैं जो न तो यूपीए और न ही एनडीए का हिस्सा हैं. सर्वे के मुताबिक ऐसे अन्य दलों के खाते में 31 फीसदी वोट को साथ 134 सीटें जा सकती थीं. अन्य दलों में सपा, बसपा, टीएमसी, आम आदमी पार्टी, पीडीपी, एयूडीएफ, आरएलडी, टीआरएस, बीजेडी, वाईएसआर कांग्रेस, टीडीपी सहित तमाम वामपंथी दल शामिल हैं.

दिलचस्प बात यह भी है कि बीजेपी और कांग्रेस के इतर अन्य दलों को संयुक्त रूप से 45 फीसदी वोटों के साथ 211 सीटें मिलतीं.

कार्वी इनसाइट्स लिमिटेड के सर्वे में 52 फीसदी पुरुष, 48 फीसदी महिलाओं की राय को शामिल किया गया था. धार्मिक आधार पर ये सैंपल साइज देखा जाए तो 86 फीसदी हिंदू, 9 फीसदी मुस्लिम और पांच फीसदी अन्य धर्मों के लोगों की राय जानी गई. आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के लोगों की बीच ये सर्वे किया गया.

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