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MOTN: मोदी सरकार के किस मंत्री के कामकाज से सबसे ज्यादा खुश है जनता

नरेंद्र मोदी सरकार की दूसरी पारी के 1 साल पूरे हो गए हैं. इस दौरान मोदी सरकार ने कई अहम फैसले लिए हैं. आज तक ने नरेंद्र मोदी सरकार के एक साल पूरा होने पर देश की जनता का मिजाज जाना.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (फोटो- पीटीआई)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (फोटो- पीटीआई)

 

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  • अमित शाह के कामकाज से जनता सबसे ज्यादा खुश
  • 39 फीसदी लोगों ने माना मोदी सरकार का बेस्ट मंत्री
  • राजनाथ सिंह मोदी सरकार के दूसरे लोकप्रिय मंत्री

नरेंद्र मोदी सरकार की दूसरी पारी के 1 साल पूरे हो गए हैं. इस दौरान मोदी सरकार ने कई अहम फैसले लिए हैं. आज तक ने नरेंद्र मोदी सरकार के एक साल पूरा होने पर देश की जनता का मिजाज जाना. आजतक के लिए कर्वी इनसाइट्स ने लोगों से पूछा कि नरेंद्र मोदी के किस मंत्री के कामकाज से जनता सबसे ज्यादा खुश है.

अमित शाह मोदी सरकार के बेस्ट परफॉर्मिंग मंत्री

सर्वे में इस प्रश्न के रोचक जवाब मिले. देश के गृह मंत्री अमित शाह इस वक्त नरेंद्र मोदी सरकार के बेस्ट परफॉर्मिंग मिनिस्टर हैं. यानी कि जनता अमित शाह के काम से सबसे ज्यादा खुश है. सर्वे में सबसे ज्यादा 39 फीसदी लोगों ने अमित शाह के कामकाज को नंबर वन पर रखा.

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17 फीसदी रेटिंग के साथ राजनाथ दूसरे नंबर पर

17 फीसदी लोगों की पसंद के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दूसरे नंबर पर रहे, 10 फीसदी लोगों ने नितिन गडकरी के कामकाज को पंसद किया. जबकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के काम से 9 फीसदी लोग खुश दिखे. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को 3 फीसदी लोगों ने मोदी सरकार में सबसे अच्छा काम करने वाला मंत्री माना.

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रेल मंत्री पीयूष गोयल को इस सर्वे में 2 फीसदी वोट मिले, स्मृति ईरानी और धर्मेंद्र प्रधान को भी 2-2 फीसदी लोग कामकाज के मामले में केंद्र सरकार का सबसे अच्छा मंत्री मानते हैं. विदेश मंत्री एस जयशंकर और खाद्य आपूर्ति मत्री रामविलास पासवान को 1 फीसदी लोगों ने वोट दिया.

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बता दें कि आजतक के लिए ये सर्वे कर्वी इनसाइट्स लिमिटेड ने किया जिसमें 12 हजार 21 लोगों से बात की गई. इनमें से 67 फीसदी ग्रामीण जबकि शेष 33 फीसदी शहरी लोग थे. 19 राज्यों की कुल 97 लोकसभा और 194 विधानसभा सीटों के लोग सर्वे में शामिल किए गए. जिन 19 राज्यों में ये सर्वे किया गया उनमें आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं. ये सर्वे 15 जुलाई से 27 जुलाई के बीच किया गया.

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सर्वे में 52 फीसदी पुरुष, 48 फीसदी महिलाएं शामिल थीं. अगर धर्म के नजरिए से देखा जाए तो 86 फीसदी हिंदू, 9 फीसदी मुस्लिम और पांच फीसदी अन्य धर्मों के लोगों से उनकी राय जानी गई. जिन लोगों पर सर्वे किया गया उनमें 30 फीसदी सवर्ण, 25 फीसदी एससी-एसटी व 44 फीसदी अन्य पिछड़े वर्ग के लोग शामिल थे. सर्वे में शामिल 57 फीसदी लोग 10 हजार रुपये महीने से कम की आमदनी वाले थे जबकि 28 फीसदी 10 से 20 हजार रुपये और 15 फीसदी 20 हजार रुपये महीने से ज्यादा कमाने वाले लोग थे. सर्वे के सैंपल में किसान, नौकरीपेशा, बेरोजगार, व्यापारी, छात्र आदि को शामिल किया गया था.

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