क्या बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए को 2019 के लोकसभा चुनावों में एक बार फिर जीत मिलेगी? इन सवाल का जवाब जानने के लिए आजतक ने देश का मिजाज जाना और अपने सालाना सर्वे 'मूड ऑफ द नेशन' के जरिए देश के सामने रखा.
NDA की लोकप्रियता में 2 फीसदी की गिरावट
सर्वे के मुताबिक अगर आज लोकसभा चुनाव होते हैं, तो एनडीए को 40 फीसदी, यूपीए को 38 फीसदी और अन्य को 22 फीसदी वोट मिलेंगे. हालांकि इससे पहले किए गए सर्वे में NDA को 42 फीसदी वोट मिलने की बात कही गई थी यानी इस बार के सर्वे में एनडीए की लोकप्रियता में दो फीसदी की गिरावट आई है.
अगर आज की तारीख में चुनाव होते हैं, तो NDA को 309 सीट, UPA को 102 और अन्य को 132 सीटों पर जीत मिलेगी. पिछले सर्वे के मुकाबले इस बार एनडीए की सीट में गिरावट आई है. पिछले सर्वे में एनडीए को 349 और यूपीए को 75 सीटें मिलने की बात कही गई थी.
30 दिसंबर 2017 से नौ जनवरी 2018 के बीच इंडिया टुडे और KARVY इंसाइट्स द्वारा किए गए सर्वे के मुताबिक प्रधानमंत्री पद के लिए नरेंद्र मोदी 53 प्रतिशत लोगों की पसंद हैं. वहीं 22 फीसदी लोगों का मानना है कि राहुल गांधी देश के बेहतरीन प्रधानमंत्री हो सकते हैं. इसके अलावा चार फीसदी लोगों ने प्रियंका गांधी को पीएम पद के लिए बेहतर बताया है. हालांकि अभी तक उन्होंने राजनीति में कदम भी नहीं रखा है.
अगर कामकाज की बात करें, तो सर्वे के मुताबिक मोदी सरकार के कामकाज से 61 फीसदी जनता खुश है. इस सर्वे में 19 राज्यों के 97 संसदीय क्षेत्र और 194 विधानसभा क्षेत्र के 12,148 लोगों को शामिल किया गया.
सपा-बसपा को साध लिया तो बढ़ेगा UPA का कुनबा
सर्वे को ध्यान में रखकर यह कहा जा सकता है कि अगर विपक्ष यानी कांग्रेस, टीएमसी, बीएसपी और सपा एकजुट हो जाएं, तो यूपीए के खाते में 38 फीसदी वोट आ जाएंगे. यानी NDA और UPA के बीच वोट का अंतर दो फीसदी रह जाएगा. इसी तरह अगर कांग्रेस के साथ टीएमसी, बीएसपी और सपा आ जाएं, तो यूपी के खाते में 202 सीटें आ सकती हैं, जबकि एनडीए के खाते में महज 258 सीटें और अन्य के खाते में 83 सीटें आएंगी
सर्वे के मुताबिक आज भी लोग महंगाई को सबसे बड़ा मुद्दा मानते हैं. 29 फीसदी लोगों का कहना है कि बेरोजगारी सबसे बड़ी चुनौती है, जबकि 23 फीसदी लोग महंगाई को सबसे बड़ा मुद्दा मानते हैं. इसके अलावा 17 फीसदी लोग भ्रष्टाचार को सबसे बड़ा मुद्दा मान रहे हैं.
राहुल की लोकप्रियता में जबरदस्त उछाल
गुजरात चुनाव के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की लोकप्रियता में जबरदस्त इजाफा हुआ है. इस दौरान नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी की लोकप्रियता का अंतर 24 फीसदी कम हुआ है. सर्वे में यह बात भी सामने आई कि दक्षिण भारत और मुस्लिम बहुल इलाकों में आज भी इंदिरा गांधी ही सबसे लोकप्रिय नेता हैं.
महंगाई-किसान आत्महत्या रोकने में नाकाम मोदी सरकार
सर्वे में लोगों ने मंहगाई, किसान आत्महत्या, सीमा पार आतंकवाद पर भी मोदी सरकार की सफलता और विफलता पर अपनी राय रखी. 23 फीसदी लोगों का मानना है कि महंगाई के मुद्दे पर मोदी सरकार विफल रही, जबकि 15 फीसदी लोग किसान आत्महत्या रोकने में मोदी सरकार को विफल मान रहे हैं. 22 फीसदी लोगों का कहना है कि मोदी सरकार बेरोजगारी से निपटने में भी नाकाम रही.
अगर कामकाज की बात करें, तो 20 फीसदी लोगों ने कहा कि पीएम मोदी का कामकाज बहुत अच्छा रहा, जबकि 41 फीसदी लोगों ने सिर्फ अच्छा बताया. इसके अलावा 25 फीसदी लोगों ने पीएम के रूप में मोदी के कामकाज को औसत बताया, जबकि नौ फीसदी लोगों ने खराब और चार फीसदी लोगों ने बेहद खराब बताया.
मोदी सरकार में जेटली सबसे बेहतर मंत्री
अगर मोदी सरकार के सबसे बेहतर मंत्री की बात की जाए, तो 26 फीसदी लोग अरुण जेटली को सबसे बेहतर मंत्री मानते हैं. इसके बाद 24 फीसदी के साथ राजनाथ दूसरे स्थान पर हैं. इसके बाद 23 फीसदी के साथ सुषमा स्वराज सबसे बेहतर मंत्री हैं. इसके अलावा 18 फीसदी लोगों ने नितिन गडकरी को बेहतर मंत्री बताया है.
ये है मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि
सर्वे के मुताबिक सफाई अभियान और कालाधन के खिलाफ अभियान को लोग मोदी सरकार की बड़ी उपलब्धि मान रहे हैं. 17 फीसदी लोगों का कहना है कि स्वच्छ भारत अभियान मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है. इतने ही फीसदी लोगों का यह भी मानना है कि कालेधन के खिलाफ अभियान में मोदी सरकार सफल रही है. 14 फीसदी लोगों ने मोदी सरकार को भ्रष्टाचार मुक्त सरकार बताया. इसके साथ ही 14 फीसदी लोगों ने नोटबंदी और 11 फीसदी लोगों ने GST को लागू करने को मोदी सरकार की बड़ी उपलब्धि बताया.
ममता सर्वश्रेष्ठ CM, चौथे पर योगी आदित्यनाथ
अगर सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री की बात करें, तो ऊपर के शीर्ष तीन पायदान पर बीजेपी का कोई भी मुख्यमंत्री नहीं है. चौथे पायदान पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहुंचे हैं, जबकि 29 में से 19 राज्यों में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार है. सर्वे के मुताबिक 12 फीसदी वोटों के साथ तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री हैं, जबकि 11 फीसदी के साथ नीतीश कुमार दूसरे नंबर पर हैं.
इसके बाद नौ फीसदी के साथ अरविंद केजरीवाल तीसरे स्थान पर हैं. इसके अलावा योगी आदित्यनाथ नौ फीसदी के साथ चौथे स्थान पर हैं. हालांकि आंकड़ों की दृष्टि से देखें, तो केजरीवाल और योगी आदित्यनाथ बराबर हैं यानी दोनों का तीसरे स्थान पर टाइअप है.