नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स (एनआरसी) से मोदी सरकार की लोकप्रियता में कमी आई है. इंडिया टुडे और कार्वी इनसाइट्स के सर्वे के मुताबिक अगर आज लोकसभा चुनाव कराए जाएं, तो भारतीय जनता पार्टी और एनडीए में शामिल दलों को नुकसान उठाना पड़ सकता है. इंडिया टुडे और कार्वी इनसाइट्स का यह सर्वे 19 राज्यों के 97 संसदीय क्षेत्रों और 194 विधानसभा क्षेत्रों में सर्वे किया गया. इसमें 12,141 लोगों से बात की गई और उनकी राय जानने की कोशिश की गई.
इंडिया टुडे और कार्वी इनसाइट्स के मुताबिक सीएए और एनआरसी को लेकर मोदी सरकार की लोकप्रियता में गिरावट आई है. अगर जनवरी में लोकसभा चुनाव कराए जाएं, तो बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए की सीटों में कमी आ सकती है. इसके अलावा शिवसेना भी बीजेपी से अलग हो गई है. लिहाजा अगर आज लोकसभा चुनाव कराए जाएं, तो बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को चुनाव में सिर्फ 303 सीटों पर ही जीत मिलने की संभावना है. अगर सिर्फ बीजेपी की बात करें, तो बीजेपी 303 सीटों से घटकर 271 सीटों पर सिमट सकती है.
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वहीं, कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए को फायदा हो सकता है. यूपीए 93 सीटों से बढ़कर 108 सीटों तक पहुंच सकती है. इंडिया टुडे और कार्वी इनसाइट्स के अनुसार अगर जनवरी 2020 में लोकसभा चुनाव कराए जाएं, तो सबसे ज्यादा फायदा एनडीए और यूपीए से बाहर राजनीति दलों को मिल सकता है. इनकी सीटों की संख्या 97 से बढ़कर 132 तक पहुंच सकती है.
इतना ही नहीं, वोट प्रतिशत में भी एनडीए को नुकसान उठाना पड़ सकता है. एनडीए का वोट प्रतिशत 45 फीसदी से घटकर 41 फीसदी पर पहुंच सकता है. हालांकि यूपीए और अन्य के वोट प्रतिशत में 2-2 फीसदी का इजाफा हो सकता है. अगर आज लोकसभा चुनाव कराए जाएं, तो यूपीए का वोट 27 फीसदी से बढ़कर 29 फीसदी हो जाएगा.
हालांकि इन सबके बीच भी प्रधानमंत्री पद के लिए नरेंद्र मोदी सबसे ज्यादा 53 फीसदी लोगों की पहली पसंद बने हुए हैं, जबकि13 फीसदी लोगों की पसंद के साथ राहुल गांधी दूसरे और 7 फीसदी लोगों की पसंद के साथ कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी तीसरे नंबर और चार फीसदी लोगों की पसंद के साथ अमित शाह चौथे नंबर पर हैं.
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इंदिरा गांधी के बाद नरेंद्र मोदी पहले प्रधानमंत्री है, जिन्होंने पूर्ण बहुमत के साथ दूसरी बार केंद्र की सत्ता पर वापसी की है. पिछले साल मई में हुए लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में एनडीए ने 543 में से 353 सीटों (बीजेपी को 303 और उसके सहयोगियों ने 50 सीटों) पर जीत दर्ज की थी, जबकि यूपीए को 93 सीटों से ही संतोष करना पड़ा था. इसके अलावा अन्य दलों को 97 लोकसभा सीटों पर जीत मिली थी. इस लोकसभा चुनाव में बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए को 45 फीसदी, यूपीए को 27 फीसदी और अन्य को 28 फीसदी वोट मिले थे.
सत्ता में वापसी के 7 महीने बाद ही इन मुद्दों में उलझी सरकार
आपको बता दें कि मई 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने दूसरी बार सत्ता में वापसी की. इसके बाद पीएम मोदी ने साल 2024 तक देश की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा. इसके अलावा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने जैसा साहसिक कदम उठाया. हालांकि सत्ता में आने के सात महीने बाद ही मोदी सरकार को आर्थिक मंदी, जीडीपी में गिरावट, नौकरियों में कटौती, सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर विपक्षी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा.
इस दौरान बीजेपी के वोट बैंक और लोकप्रियता में भी गिरावट आई. महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव में बीजेपी को कई सीटों पर हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद दोनों राज्यों की सत्ता से बीजेपी की विदाई हो गई. हालांकि हरियाणा में बीजेपी किसी तरह सरकार बचाने में कामयाब रही. इसके अलावा विपक्षी एजुटता ने भी बीजेपी के लिए मुश्किलें पैदा की.