जून के महीने में दिल्ली एनसीआर समेत उत्तर-पश्चिम भारत के तमाम इलाकों में प्री-मॉनसून बारिश हो रही है. इसके चलते बारिश का आंकड़ा सामान्य के मुकाबले 30 फीसदी ज्यादा रिकॉर्ड किया गया है. मौसम विभाग का कहना है कि अगले 24 घंटों तक दिल्ली और आसपास के इलाकों में बादलों की आवाजाही के बीच रुक-रुककर बारिश का दौर जारी रहेगा.
इसी के साथ अच्छी खबर ये है कि 26 जून से उत्तर-पश्चिम भारत के तमाम इलाकों में हवाओं का जोर बढ़ जाएगा. इस वजह से दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में 26 तारीख की रात से कई जगह पर बारिश तेजी पकड़ लेगी. इन स्थितियों में ऐसा पूर्वानुमान है कि दिल्ली में मॉनसून की बारिश सामान्य तारीख 29 जून के पहले ही दस्तक दे देगी.
मौसम विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो दिल्ली, चंडीगढ़ और हरियाणा में जून के महीने में सामान्य के मुकाबले 159 फीसदी ज्यादा बारिश रिकॉर्ड हुई है. पंजाब में सामान्य के मुकाबले 149 फीसदी ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई है. जम्मू-कश्मीर में जून के महीने में सामान्य के मुकाबले 79 फीसदी बारिश ज्यादा हुई. पश्चिमी राजस्थान में भी इस बार मौसम मेहरबान रहा है. यहां पर जून के महीने में अब तक 74 फीसदी बारिश ज्यादा रिकॉर्ड की गई है.
मौसम विभाग के डायरेक्टर कुलदीप श्रीवास्तव के मुताबिक इस बार उत्तर-पश्चिम भारत में जून के महीने में वैसी गरमी नहीं पड़ी जैसी कि अमूमन पड़ती है. प्रि-मॉनसून बारिश के चलते जून के महीने में बढ़े हुए तापमानों पर अंकुश लगा रहा और हीटवेव की स्थिति भी थोड़े दिनों के लिए ही रही. उनके मुताबिक दिल्ली एनसीआर समेत उत्तर पश्चिम भारत में 26 तारीख की रात से बारिश का सिलसिला तेज हो जाएगा. 26 जून के उत्तराखंड के ज्यादातर इलाकों में भारी बारिश होने का अंदेशा है. इन हवाओं के साथ मॉनसून की घटाएं 27 और 28 तारीख को भी एक बड़े इलाके में झमाझम बारिश देंगी.
मौसम विभाग के डीडीजीएम डॉ देवेंद्र प्रधान का कहना है, कि मॉनसून की स्थिति अभी तक सामान्य है. अबतक पूरे देश में सामान्य के मुकाबले 4 फीसदी बारिश ज्यादा रिकॉर्ड हुई है.डॉ प्रधान का कहना है कि 26 तारीख से मॉनसून की बारिश एक बार फिर तेजी पकड़ेगी. मॉनसून की हवाएं अपने साथ घने बादल लाएंगी और इसी के साथ दिल्ली एनसीआर, हरियाणा, उत्तराखंड, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में रिमझिम फुहारों का सिलसिला शुरू हो जाएगा. ऐसा पूर्वानुमान है कि 26 तारीख की रात से लेकर 1 जुलाई तक मॉनसून की बारिश पहाड़ों के साथ साथ उत्तर भारत के मैदानी इलाकों को सराबोर कर देगी.