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आतंकी गुटों से जुड़ने वाले कश्मीरी युवाओं ने बढ़ाई सेना की चिंता, स्लीपर सेल पनपने का खतरा

कश्मीर में लश्कर और हिज्बुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी गुटों से जुड़ने वाले स्थानीय युवाओं की संख्या की बढ़ रही है. सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने यह दावा किया है.

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Indian Army
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कश्मीर में लश्कर और हिज्बुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी गुटों से जुड़ने वाले स्थानीय युवाओं की संख्या की बढ़ रही है. सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने यह दावा किया है.

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अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया ने खुफिया सूत्रों के हवाले से लिखा है कि 2010 में आतंकी गुटों में 60 फीसदी विदेशी युवा होते थे, लेकिन अब 60 फीसदी स्थानीय हैं. उधमपुर हमले में पकड़े गए लश्कर के आतंकी नवेद को भी इनका साथ मिला था. सेना को आतंकियों की स्लीपर सेल पनपने की चिंता है.

कश्मीर रेंज के आईजी मुज्तबा गिलानी ने कहा कि हिज्बुल मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठन अब ज्यादा स्थानीय युवाओं को भर्ती कर रहे हैं. लेफ्टिनेंट जनरल सुब्रत साहा ने कहा कि हम इसे लेकर चिंतित हैं और इस ट्रेंड को रोकने की कोशिश कर रहे हैं.

पुलिस में भी हैं आतंकियों के मुखबिर
चार महीने पहले ही कांस्टेबल नसीर अहमद बुखारी के पास से दो एके-47 राइफलें बरामद की गई थीं. बाद में हिज्बुल के दर्जनभर आतंकियों के साथ उसकी तस्वीर भी फेसबुक पर आई थी.

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स्लीपर सेल का भंडाफोड़
पिछले हफ्ते पुलिस ने ब्रिटेन से स्लीपर सेल चलाने वाले कश्मीरी फिजियोथेरेपिस्ट मोहम्मद शाहीन बाबा उर्फ जैद बिन तारिक को एयरपोर्ट से पकड़ा. वह परिवार के तीन सदस्यों के साथ ब्रिटेन जा रहा था.

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