scorecardresearch
 

पैन नंबर नहीं देने पर देना होगा ज्‍यादा टैक्‍स

प्रवासी भारतीय समेत सभी करदाताओं को सही स्थायी खाता संख्या (पैन) का उल्लेख करना जरूरी होगा और ऐसा नहीं करने पर उन्हें कर के रूप में अत्यधिक राशि चुकानी पड़ेगी. यह नियम उन करदाताओं पर लागू होगा जिनका कर स्रोत (टीडीएस) पर काटा जाता है.

Advertisement
X

प्रवासी भारतीय समेत सभी करदाताओं को सही स्थायी खाता संख्या (पैन) का उल्लेख करना जरूरी होगा और ऐसा नहीं करने पर उन्हें कर के रूप में अत्यधिक राशि चुकानी पड़ेगी. यह नियम उन करदाताओं पर लागू होगा जिनका कर स्रोत (टीडीएस) पर काटा जाता है.

वर्ष 2009-10 के वित्त विधेयक के अनुसार, ‘‘टीडीएस के मामलों में करदाता को अनिवार्य रूप से अपना पैन टीडीएस काटने वाले को बताना होगा. ऐसा नहीं करने पर स्रोत पर कर कटौती करने वाला उच्च दर से कर काटेगा.

सरकार ने पैन का उल्लेख नहीं करने वाले करदाताओं से अधिक दर से कर वसूली के मामले में आयकर कानून में संशोधन का प्रस्ताव दिया है. विधेयक में कहा गया है कि पैन का जिक्र नहीं करने पर स्रोत पर कटौती करने वाला लागू दर या अधिक या 20 फीसदी की दर से टीडीएस काटेगा.

वास्तव में जिन लोगों को ब्याज से प्राप्त आय या अन्य स्रोत से आय प्राप्त हो रही है और जो कर के दायरे में नहीं है, वे अगर चाहते हैं कि उन पर कर नहीं लगे तो उन्हें भी फार्म 15 जी भरना होगा तथा पैन का जिक्र करना होगा. इसी प्रकार, बुजुर्ग नागरिक (65 वर्ष से अधिक) या पेंशनर्स को फार्म 15 एच भरना होगा और पैन का जिक्र करना होगा. वित्त विधेयक के मुताबिक इसी प्रकार के नियम उन प्रवासी भारतीय पर भी लागू होंगे जिनके कर टीडीएस पर काटे जाते हैं.

Advertisement
Advertisement