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एक करोड़ से ज्यादा लोगों को मिलेगा यूआईडी

छत्तीसगढ़ में आधार परियोजना के तहत पहले चरण में सात जिलों के एक करोड़ से भी ज्यादा आबादी को विशेष पहचान संख्या (यूआईडी) दी जाएगी.

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छत्तीसगढ़ में आधार परियोजना के तहत पहले चरण में सात जिलों के एक करोड़ से भी ज्यादा आबादी को विशेष पहचान संख्या (यूआईडी) दी जाएगी.

राज्य शासन ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली- पीडीएस और अन्य सरकारी सेवाओं को इस परियोजना से जोड़ने का फैसला किया है. आधिकारिक सूत्रों ने रायपुर में बताया कि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण की ‘आधार’ परियोजना में देश के सभी निवासियों को 12 अंकों की जैव सांख्यिकीय (बायो-मेट्रिक्स) आधारित एक विशेष पहचान संख्या देने का कार्य शुरू किया गया है. छत्तीसगढ़ में इस परियोजना के प्रथम चरण में सात जिलों- रायपुर, धमतरी, महासमुन्द, बिलासपुर, कोरिया, जांजगीर-चांपा और बस्तर को शामिल किया गया है. इन जिलों में कुल एक करोड़ 15 लाख की आबादी को विशेष पहचान संख्या देने का लक्ष्य है.

अधिकारियों ने बताया कि पहले चरण वाले जिलों में इसकी तैयारियां तेजी से चल रही है. राज्य सरकार द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राजधानी रायपुर में प्रायोगिक तौर पर कोर पीडीएस परियोजना शुरू की जा रही है, जिसमें कोई भी राशनकार्ड धारक अपने स्मार्ट कार्ड के आधार पर किसी भी राशन दुकान से महीने का राशन ले सकेगा. जल्द ही कोर पीडीएस को आधार परियोजना से जोड़ा जाएगा.

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उन्होंने बताया कि आधार परियोजना के तहत सरकार रसोई गैस कनेक्शन, राशनकार्ड, वाहन पंजीयन और ड्राइविंग लाइसेंस वगैरह बनवाने की प्रक्रिया में आवेदक की भारतीय विशिष्ट पहचान संख्या आधार नम्बर का इस्तेमाल जरूरी करने के बारे में भी गंभीरता से विचार करेगी. इससे लोगों को पंजीकरण के लिए प्रोत्साहित किया जा सकेगा.

अधिकारियों ने बताया कि 13वें वित्त आयोग से छ्त्तीसगढ़ को आधार परियोजना में गरीबी रेखा श्रेणी के लोगों के नामांकन के लिए 91 करोड़ रुपये का अनुदान स्वीकृत किया गया है. ये अनुदान 10 किश्तों में हर छह महीने में प्राप्त होगा. यह राशि प्रति व्यक्ति सौ रुपये के हिसाब से खर्च की जाएगी. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने बीते 23 अक्टूबर 2010 को रायपुर जिले के गरियाबंद में आयोजित कार्यक्रम में ग्रामीणों को विशिष्ट पहचान संख्या (यूआईडी) देकर छ्त्तीसगढ़ में ‘आधार’ परियोजना का शुभारंभ किया था.

उन्होंने बताया कि भारतीय यूआईडी 12 अंकों की एक अनोखी पहचान संख्या होगी, जिसमें प्रत्येक निवासी के बारे में जनसंख्या आधारित विवरण समेत जैव सांख्यिकीय (बायो-मेट्रिक) जानकारी कम्प्यूटर में दर्ज की जाएगी. इस विशिष्ट पहचान नम्बर का उपयोग बैंकों में खाता खोलने, ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट बनवाने समेत कई सरकारी सेवाओं का लाभ उठाने के लिए किया जा सकेगा.

छत्तीसगढ़ सरकार ने इस परियोजना के विभित्र कार्यो के समन्वय के लिए वित्त और योजना विभाग को नोडल विभाग के तौर पर अधिकृत किया है. वहीं प्रथम चरण में खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव को इसके लिए रजिस्ट्रार और सभी जिला कलेक्टरों को अतिरिक्त रजिस्ट्रार के रूप में दायित्व सौंपा गया है.

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