सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने रविवार को दिल्ली में जंतर-मंतर पहुंच 'वन रैंक वन पेंशन' योजना लागू नहीं करने के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पूर्व सैन्यकर्मियों के समर्थन में आवाज उठाई. अन्ना ने सेवानिवृत्त सैनिकों द्वारा आयोजित 'रन फॉर ओआरओपी' कार्यक्रम में कहा, "सरकार की ओर से आश्वासन पर्याप्त नहीं है. हमें योजना लागू करने की जरूरत है."
मोदी सरकार पर निशाना
अन्ना हजारे ने नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि भ्रष्टाचार समाप्त करने के लिए कई वादे किए गए, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ. उन्होंने कहा, "सैनिक देश की सेवा करते हैं, लेकिन उन्हें उनका हक नहीं मिलता." अन्ना ने कहा कि वह 'वन रैंक वन पेंशन' योजना लागू करने के समर्थन में महात्मा गांधी की जयंती दो अक्टूबर से दिल्ली के रामलीला मैदान में एक आंदोलन शुरू करेंगे.
पूरे देश का दौरा करेंगे अन्ना
अन्ना हजारे ने कहा, "हमारे पास अभी भी दो महीने बाकी हैं. मैं लोगों का समर्थन मांगने के लिए पूरे देश का भ्रमण करूंगा." 'रन फॉर ओआरओपी' की शुरुआत दक्षिणी दिल्ली में सुबह धौलाकुआं से हुई और यह जंतर मंतर पर आकर समाप्त हुआ. सेवानिवृत्त मेजर डी.पी.सिह ने इस कार्यक्रम का नेतृत्व किया, जिन्हें 1999 के करगिल युद्ध में अपना पैर गंवाना पड़ा था.
विक्रम बत्रा के पिता ने दिखाई हरी झंडी
700 से अधिक पूर्व सैनिकों ने इस दौड़ में हिस्सा लिया. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के धौलाकुआं से इस दौड़ को शहीद कैप्टन विक्रम
बत्रा के पिता जीएल बत्रा ने हरी झंडी दिखाई. शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा को
कारगिल युद्ध के लिए परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था. साल 1999 में कारगिल युद्ध में मिली जीत को 26 जुलाई को विजय दिवस के रूप
में मनाया जाता है.
15 जून से भूख हड़ताल जारी
पूर्व सैनिक 'वन रैंक वन पेंशन' योजना लागू करने के लिए एक निश्चित तारीख निर्धारित करने की सरकार से मांग कर रहे हैं। वर्तमान में समान रैंक के अधिकारियों को अलग-अलग पेंशन राशि का भुगतान किया जाता है, जो इस बात पर निर्भर करता है कि उनकी सेवानिवृत्ति कब हुई है. पूर्व सैनिकों का एक वर्ग जंतर-मंतर पर 15 जून से भूख हड़ताल पर है.