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UN में नवाज के भाषण पर भारत का जवाब- हाथ में बंदूक लेकर वार्ता चाहता है PAK

भारत के विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर ने संयुक्त राष्ट्र में PAK पीएम के भाषण का जवाब देते हुए कहा कि भारत बातचीत कर सकता है, लेकिन ब्लैकमेलिंग नहीं सह सकता. वार्ता के लिए आतंकवाद का खात्मा जरूरी है.

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विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर
विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर

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संयुक्त राष्ट्र की आम सभा में पाकिस्तान की ओर से पेश किए गए सफेद झूठ का भारत ने करारा जवाब दिया. भारत के विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर ने कहा कि आतंकी बुरहान वानी को नेता बता कर पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ ने खुद ही आतंकियों के साथ होने का सबूत दिया है. भारत ने एक सिरे से PAK पीएम के भाषण को खारिज करते हुए कहा कि पाकिस्तान हाथ में बंदूक लेकर वार्ता चाहता है, लेकिन बंदूक के साथ बातचीत साथ नहीं हो सकती.

वार्ता के लिए पहले आतंंकवाद खत्म करे PAK
नवाज शरीफ ने भारत पर बातचीत से पहले अस्वीकार्य शर्तें थोपने का आरोप लगाया और इसके जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा, 'भारत की एक ही शर्त है कि आतंकवाद को खत्म किया जाया. क्या ये स्वीकार्य नहीं है? विकास स्वरूप ने कहा, 'नवाज शरीफ ने यूएन की सबसे बड़ी फोरम में हिजबुल आतंकी बुरहान वानी का महिमामंडन किया. इससे पता चलता है कि आतंकवाद से पाकिस्तान का जुड़ाव कम नहीं हुआ है.'

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आतंक को तवज्जो देता रहा है PAK
वहीं विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर ने कहा कि पाकिस्तान हमेशा से विकास के बदले आतंक को तवज्जो देता रहा है. शांति की दिशा में पाकिस्तान ने एक भी कदम नहीं बढ़ाया है. संयुक्त राष्ट्र आम सभा में PAK की ओर से आतंकी बुरहान वानी की तारीफ हैरान करने वाली बात है क्योंकि बुरहान हिजबुल मुजाहिदीन का कमांडर था, जो कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक आतंकी संगठन के तौर पर जाना जाता है.

बातचीत में अड़ंगा डालता रहा है PAK
विदेश राज्य मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान को लेकर पीएम मोदी की हमेशा से एक ही नीति रही है. भारत बातचीत के पक्ष में रहा है, लेकिन हम PAK की ब्लैकमेलिंग नहीं सहेंगे. अकबर ने कहा कि आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली इस्लामाबाद में बैठी सरकार की चाल भारत समझता है. पाकिस्तान बातचीत में अड़ंगा डालता रहा है. आतंकवाद को खत्म करने पर ही PAK से बातचीत संभव है.

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