बात हैरान करने वाली है, लेकिन यह हकीकत है. ऐसा पाया गया है कि नक्सल प्रभावित इलाकों में CRPF के जितने जवान नक्सली हमले में नहीं शहीद होते हैं, उससे कहीं ज्यादा तो मच्छरों के हमले से मारे जाते हैं. 'नक्सली को छुड़ाने के लिए थाने को घेराव'
'द टाइम्स ऑफ इंडिया' में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, छत्तीसगढ़, झारखंड और बिहार में CRPF के लिए सबसे बड़े दुश्मन मच्छर हैं, जो उन्हें असमय ही मौत की नींद सुला देते हैं. ताजा सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि सीआरपीएफ के जवान मलेरिया और हार्ट अटैक जैसी बीमारियों के शिकार ज्यादा होते हैं. देश के नक्सल प्रभावित 106 जिलों में नक्सली हमलों में मरने वालों की तादाद उन बीमारियों से कहीं कम होती है.
गृह मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, साल 2014 में CRPF जवानों की तादाद 50 रही, जबकि इस दौरान मलेरिया और दूसरी बीमारियों से मरने वालों की तादाद 95 रही. आंकड़ों से यह भी जाहिर होता है कि कई जगहों पर ये जवान बहुत बुरी स्थिति में रह रहे हैं, जहां कोई भी मेडिकल केयर उपलब्ध नहीं है.