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सीमा नहीं सड़क दुर्घटना में ज्यादा मरते हैं बीएसएफ के जवान

मातृभूमि की हिफाजत के लिए अपने प्राणों को न्यौछावर करने को तैयार एक एक जवान देश के लिए बेशकीमती  है, लेकिन हाल ही में ज्यादातर जवान सीमाओं पर नहीं बल्कि सड़क हादसों में मारे गये हैं.

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मातृभूमि की हिफाजत के लिए अपने प्राणों को न्यौछावर करने को तैयार एक एक जवान देश के लिए बेशकीमती  है, लेकिन हाल ही में ज्यादातर जवान सीमाओं पर नहीं बल्कि सड़क हादसों में मारे गये हैं.

चिंतित करने वाले एक आंकड़े के मुताबिक सीमा सुरक्षा बल ने हाल ही के दिनों में सीमाओं पर या अन्य अभियानों में जितने जवान खोए हैं, उससे करीब चार गुना ज्यादा जवानों की मौत सड़क दुर्घटनाओं में हुई है. पिछले साल और इस साल मार्च तक सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के 12 जवानों की मौत कार्रवाई के दौरान हुई जबकि इसी अवधि में बल के 42 जवानों की मौत मोटरबाइक दुर्घटनाओं में हुई है. इस प्रवृति ने अर्धसैनिक बल के शीर्ष अधिकारियों को विचार करने और इस दिशा में कदम उठाने के लिए मजबूर कर दिया है.

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बीएसएफ के महानिदेशक डी. के. पाठक ने कहा, हर महीने बाइक दुर्घटनाओं में हम अपने करीब पांच जवान खो रहे हैं. ये दुर्घटनाएं विशेष रूप से उस समय होती हैं जब वे ड्यूटी पर नहीं होते या जब वे छुट्टियों में घर जाते हैं. ऐसी दुर्घटनाओं में जान गंवाने वाले लोगों की उम्र ज्यादातर 45 से 50 साल के बीच होती है.

उन्होंने यह भी कहा, हमारे जवान हमारी सबसे बड़ी संपत्ति हैं और हम ऐसा नहीं होने दे सकते. मोटरबाइक दुर्घटनाओं की वजह से होने वाली मौतें हमारे लिए चिंता का एक प्रमुख विषय है और इस पर काबू पाने के लिए तत्काल कदम उठाये जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि बल ने इस संबंध में कुछ त्वरित कदम उठाए हैं जिनमें लापरवाही से गाड़ी चलाने पर नजर रखना और सुरक्षित ड्राइविंग के लिए कार्यक्रम शुरू करना शामिल हैं. निगरानी रखने वाले सभी अधिकारियों को अपने चालकों पर नजर रखने को कहा गया और लापरवाही से गाड़ी चलाने वालों को सुरक्षित तरीके से वाहन चलाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है.

पाठक ने कहा, हम खराब चालकों को हटा रहे हैं. बीएसएफ जैसा अनुशासित बल, जिसके कंधे पर देश की सुरक्षा की बड़ी जिम्मेदारी है, इस प्रकार की दुर्घटनाओं में अपने जवानों को नहीं खो सकता. उन्होंने कहा कि बल मुख्यालय ने अपने पुरूष एवं महिला कर्मियों में सड़क अनुशासन कौशल और सुरक्षित ड्राइविंग के लिए एक नया कार्यक्रम शुरू किया है.

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पाठक ने हाल ही में इस संबंध में अपने बल के कमांडरों के साथ करीब आधा दर्जन बैठकें कीं. उन्होंने कहा, कोर्स बीएसएफ के सभी सेक्टर और सीमाओं पर चलाया जाएगा. हम उन्हें यह समझाने का प्रयास कर रहे हैं कि जीवन कीमती है, जिसे ऐसी दुर्घटनाओं में नहीं खोना चाहिए. उन्हें देश की खातिर लड़ने के लिए प्रशिक्षित किया गया है. बीएसएफ पर पाकिस्तान और बांग्लादेश से लगी सीमाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी है. इसी अवधि में बल के सात जवानों की ट्रेन दुर्घटनाओं में मौत हो गई, जबकि पांच की मलेरिया के कारण मौत हुई. इसी प्रकार चार अन्य जवानों की मौत अन्य सड़क दुर्घटनाओं में हुई.

सुरक्षा बल इसी साल अपनी स्थापना के 50 साल पूरे कर रहा है. पिछले साल और इस साल मार्च तक बल के एक दर्जन से ज्यादा जवानों की हृदय संबंधी बीमारियों के कारण मौत हुई. उन्होंने कहा कि हमने मेस में पौष्टिक खाना तैयार करने के लिए निर्देश जारी किए हैं. खाने में तेल और मसालों के कम उपयोग तथा कम कैलोरी वाला खाना तैयार करने को कहा गया है.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बल ने दोपहिया और चार पहिया वाहनों की सुरक्षित ड्राइविंग के लिए अपने जवानों को प्रशिक्षण देने की खातिर अपने विभिन्न प्रशिक्षण संस्थानों में व्यापक योजनाएं बनायी हैं. जवानों में यातायात कौशल विकसित करने की जिम्मेदारी संभाल रहे अधिकारी ने कहा, वह गर्व का क्षण था जब अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान यहां राजपथ पर हमारे मोटरसाइकिल सवार 'जांबाज' जवानों की तारीफ की.

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जब विश्व की एक प्रमुख हस्ती से आपको इस प्रकार की सराहना मिल रही है तो ऐसी दुर्घटनाएं हमारी सुरक्षा और अनुशासन रिकॉर्ड पर सवाल नहीं कर सकतीं.

-इनपुट भाषा

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