scorecardresearch
 

दुनिया में सबसे जहरीली है उत्तर भारत की हवा, डरा देगी ये तस्वीर

दीवाली के बाद से पटाखों के धुएं, पंजाब-हरियाणा में जल रही पराली ने दिल्ली-NCR में धुंध को काफी बढ़ा दिया. अब एक आंकड़ा सामने आया है जो बताता है कि बीते दिनों उत्तर भारत की हवा दुनिया में सबसे खराब रही है.

Advertisement
X
रॉयटर्स की रिपोर्ट में उत्तर भारत प्रदूषित (फोटो: रॉयटर्स)
रॉयटर्स की रिपोर्ट में उत्तर भारत प्रदूषित (फोटो: रॉयटर्स)

Advertisement
  • दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण से बुरा हाल
  • दुनिया में सबसे प्रदूषित जगह बनी उत्तर भारत
  • समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट में दावा

देश की राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाके में पिछले एक महीने से धुंध ने हालात खराब की हुई है. उत्तर भारत का AQI लगातार बुरी श्रेणी में ही रहा है, जिसकी वजह से लोगों का बुरा हाल हो गया है. दीवाली के बाद से पटाखों के धुएं, पंजाब-हरियाणा में जल रही पराली ने दिल्ली-NCR में धुंध को काफी बढ़ा दिया. अब एक आंकड़ा सामने आया है जो बताता है कि बीते दिनों उत्तर भारत की हवा दुनिया में सबसे खराब रही है.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने पिछले कुछ दिनों में पूरी दुनिया में एयर क्वालिटी को लेकर कुछ ग्राफिक्स जारी किए हैं, जिसमें PM 2.5 के आंकड़ों के अनुसार दुनिया की हवा क्वालिटी का हाल बताया गया है. इसमें उत्तर भारत का हाल दुनिया में सबसे बुरा दिख रहा है.

Advertisement

बता दें कि जिस वक्त दिल्ली-एनसीआर में धुंध के कारण बुरा हाल था, उस वक्त अमेरिका के कैलिफॉर्निया में भी जंगल में लगी आग ने बुरा हाल कर दिया था. इसके बावजूद दिल्ली-एनसीआर का हाल सबसे बुरा ही रहा.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने लिखा है कि हर साल सर्दियों में नई दिल्ली और उससे सटे इलाकों में एक धुंध की चादर देखने को मिलती है. जिसके कारण एयर पॉल्यूशन काफी अधिक मात्रा में होता है. जारी आंकड़ों के अनुसार, 3 नवंबर और 4 नवंबर को दिल्ली-एनसीआर में PM 2.5 लेवल 407, 500 तक पहुंचा था. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि प्रदूषण के इन हालातों के कारण हार्ट और लंग की बीमारी बढ़ सकती है, साथ ही इसका बच्चों पर काफी प्रभाव पड़ता है.

gate_111119101802.jpg4 नवंबर से 7 नवंबर तक इंडिया गेट (रॉयटर्स)

कानपुर में है काफी बुरा हाल

साइंटिस्ट एंड्रेएस उपत्सु का कहना है कि हमारे मॉडल के अनुसार भारत दुनिया में सबसे प्रदूषित जगहों में से एक रहा है. इसका असर दिल्ली से लेकर कानपुर और कोलकाता तक देखने को मिला है.

रिपोर्ट के अनुसार, कानपुर में धूल और कालिख प्रदूषण के लिए 76 फीसदी तक जिम्मेदार है, जबकि 15 फीसदी केमिकल के जलने, 8 फीसदी वाहनों के धुएं के कारण प्रदूषण होता है. भारत में कानपुर ही ऐसा शहर रहा जहां AQI ने सबसे ज्यादा बार 500 से ऊपर का आंकड़ा छुआ.

Advertisement

up_111119101911.jpg31 अक्टूबर को ये था हाल(रॉयटर्स)

प्रदूषण पर होती रही राजनीति

गौरतलब है कि उत्तर भारत में फैले प्रदूषण के लिए अधिकतर जिम्मेदार पराली जलाने को ही माना गया. हरियाणा और पंजाब में इस समय में पराली काफी जलाई जा रही है, जिसकी वजह से प्रदूषण हो रहा है. दिल्ली में अरविंद केजरीवाल सरकार ने इसके लिए पंजाब-हरियाणा से एक्शन लेने की बात कही थी, साथ ही केंद्र सरकार से अपील भी की थी कि वह इस पर सभी राज्यों की बैठक बुलवाए. हालांकि, इसपर केंद्र की ओर से एक्शन तो लिया गया लेकिन कोई असर नहीं दिखा.  

Advertisement
Advertisement