राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत के मदर टेरेसा पर दिए गए बयान पर विवाद शुरू हो गया है. मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने ट्विटर के जरिए मोहन भागवत के बयान की निंदा की है.
मोहन भागवत ने सोमवार को कहा था कि मदर टेरेसा की गरीबों की सेवा के पीछे का मुख्य उद्देश्य लोगों का ईसाई धर्म में धर्मांतरण कराना था. केजरीवाल ने ट्वीट में लिखा कि मदर टेरेसा पवित्र आत्मा थीं उन्हें बख्श दिया जाए. केजरीवाल ने ट्वीट कियाः
वहीं कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने कहा है कि मदर टेरेसा का अपमान नहीं किया जाना चाहिए, कांग्रेस संसद में यह मुद्दा उठाएगी. इस विवादित बयान पर बीजेपी को माफी मांगनी चाहिए. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भी मोहन भागवत के बयान की निंदा करते हुए ट्वीट में लिखाःI worked wid Mother Teresa for a few months at Nirmal Hriday ashram in Kolkata. She was a noble soul. Pl spare her.
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) February 24, 2015
Condemn Mohan Bhagwat's uncharitable remarks against Mother Teresa. Pl respect her dedicated service to the poor and under privilege.
— digvijaya singh (@digvijaya_28) February 24, 2015
#MohanBhagwat spoke TRUTH about #MotherTaresa. She served poor,diseased with an ultimate mission of expansion of Christianity.
— Dr Rakesh Sinha (@RakeshSinha01) February 23, 2015
उन्होंने कहा था, 'सवाल सिर्फ धर्मांतरण का नहीं है, लेकिन अगर यह (धर्मांतरण) सेवा के नाम पर किया जाता है, तो सेवा का मूल्य खत्म हो जाता है.' भागवत ने कहा, 'परंतु यहां (एनजीओ) उद्देश्य विशुद्ध रूप से गरीबों और असहाय लोगों की सेवा करना है.'
सरसंघचालक भरतपुर से करीब आठ किलोमीटर दूर बजहेरा गांव में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. गांव में उन्होंने 'महिला सदन' और 'शिशु बाल गृह' का उद्घाटन किया.