केंद्र में आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता में लगातार इजाफा होता जा रहा है. प्रधानमंत्री मोदी के आक्रामक तरीके से काम करने की शैली के कारण वह लोगों में लोकप्रिय होते जा रहे हैं. मोदी को दूसरी बार सत्ता में आए 2 महीने से ज्यादा का वक्त हो चुके हैं, और उनकी लोकप्रियता देश के अन्य दिग्गज नेताओं से काफी आगे निकल गई है.
न्यूज चैनल आजतक और कार्वी इनसाइट्स ने अपने सर्वे में पाया कि नरेंद्र मोदी भारतीय इतिहास में सबसे लोकप्रिय नेता बन गए हैं. उन्होंने इस रेस में इंदिरा गांधी को भी पीछे छोड़ दिया है. मोदी 37 फीसदी वोट के साथ काफी आगे चले गए हैं, जबकि आयरन लेडी के नाम से मशहूर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी दूसरे स्थान पर हैं और उनके खाते में महज 14 फीसदी वोट हैं.
आजतक और कार्वी इनसाइट्स ने इस सर्वे के लिए 12,126 लोगों से साक्षात्कार किया, जिसमें 67 फीसदी साक्षात्कर ग्रामीण और 33 फीसदी शहरी लोग शामिल थे. इस सर्वे में देश के 19 राज्यों के 97 संसदीय क्षेत्रों और 194 विधानसभा क्षेत्रों को शामिल किया गया. उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, केरल, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, असम, मध्य प्रदेश, बिहार, गुजरात, महाराष्ट्र, राजधानी दिल्ली और पश्चिम बंगाल में यह सर्वे कराया गया. यह सर्वे जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के तहत विशेष राज्य का दर्जा खत्म किए जाने से पहले कराया गया था.
मोदी पहले और वाजपेयी तीसरे लोकप्रिय पीएम
नरेंद्र मोदी आजाद भारत के सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्री बन गए हैं जबकि इंदिरा गांधी उनके पीछे हैं. तीसरे स्थान पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहार वाजपेयी हैं जिनको 11 फीसदी वोट मिला. देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू इस लिस्ट में चौथे पायदान पर हैं जबकि लाल बहादुर शास्त्री संयुक्त रूप में पांचवें पायदान पर हैं. शास्त्री को 6 फीसदी मत मिले हैं जबकि इतने ही मत राजीव गांधी को मिले हैं. 5 फीसदी वोट हासिल कर मनमोहन सिंह छठे सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्री हैं.
सबसे अप्रत्याशित रूप से गुलजारी लाल नंदा का नाम है जिन्हें इस सर्वे में 3 फीसदी वोट मिले हैं और वह सातवें पायदान पर हैं.
बेस्ट सीएमः योगी आदित्यनाथ
आजतक और कार्वी इनसाइट्स के सर्वे में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री का दर्जा मिला है. जबकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को 10 फीसदी वोट मिला है. सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री के मामले में महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस और ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक को 8-8 फीसदी और आंध्र प्रदेश के सीएम जगन मोहन रेड्डी को 7 फीसदी वोट मिला है. वहीं सर्वे में शामिल 4 फीसदी लोगों ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बेस्ट सीएम माना है.
चुनाव हुए तो एनडीए को 357 सीटें
देश का मिजाज कहता है कि अगर इस समय देश में चुनाव कराए जाएं तो एनडीए को 543 सीटों में से 357 सीटें मिल सकती हैं, जबकि कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए का इस बार भी सैकड़ा नहीं लगने जा रहा और वह 92 सीटों पर सिमट कर रह जाएगी. जबकि अन्य को 94 सीटों पर जीत मिलने की संभावना है.
इस सर्वे से आए नतीजों पर नजर डाला जाए तो मालूम होगा कि एनडीए को 45 फीसदी वोट मिलने की संभावना है जबकि यूपीए को 28 फीसदी और अन्य को 27 फीसदी वोट ही मिलेगा. पार्टी के आधार पर विश्लेषण करें तो भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) फिर से अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकती है. बीजेपी को इस बार 308 सीटें मिल सकती हैं. इसी साल मई में हुए आम चुनाव में उसने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 303 सीटों पर जीत हासिल की थी.
तीन तलाक पर जनता का समर्थन
न्यूज चैनल आजतक और कार्वी इनसाइट्स ने अपने सर्वे में पाया कि तीन तलाक को खत्म किए जाने की मोदी सरकार की कोशिश को जनता का भरपूर समर्थन मिल रहा है. 66 फीसदी लोगों ने कहा कि तीन तलाक को खत्म करने को लेकर वह मोदी सरकार के साथ हैं. जबकि 24 फीसदी लोगों ने सरकार का साथ नहीं दिया. 10 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है.
सर्वे में देश का मिजाज सामने आया जिसमें नरेंद्र मोदी को मजबूत नेता माना गया.
सर्वे में शामिल 65 फीसदी लोगों का मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी अगले 5 सालों में कश्मीर मुद्दा हल कर पाएंगे.
सर्वे में देश का मिजाज सामने आया जिसमें नरेंद्र मोदी को मजबूत नेता माना गया. सर्वे में शामिल लोगों का कहना है कि अयोध्या में विवादित स्थल पर ही राम मंदिर बनना चाहिए. ऐसा मानने वालों की संख्या 61 फीसदी है. जबकि 23 फीसदी लोगों का कहना है कि विवादित स्थल के आसपास भी मंदिर बनवाया जा सकता है. 9 फीसदी लोगों ने कहा कि कहीं और भी मंदिर का निर्माण हो.
सर्वे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कामकाज के तरीके पर भी सवाल पूछे गए जिसमें 18 फीसदी लोगों ने उन्हें मजबूत नेता करार दिया. जबकि सबका साथ सबका विश्वास में भरोसा रखने वालों की संख्या 15 फीसदी थी, इसी तरह 14 फीसदी लोग ऐसे हैं जो मोदी को गरीबों का हितैषी मानते हैं. 12 फीसदी लोगों का मानना है कि मोदी ईमानदार नेता है.