मुंबई के समुद्र में डूब रहे जहाज चित्रा के कारण पोर्ट पर अन्य जहाजों की आवाजाही अब तक ठप है. जहाज से गिरकर तैरते कंटेनरों की वजह से जलमार्ग में रुकावट पैदा हो गई है. नेवी और पोर्ट के अधिकारी कंटेनरों को चैनल से हटाने की कोशिश में जुटे हैं.
जहाज से गिरे कंटेनरों में से कई खतरनाक कीटनाशक और सोडियम हाइड्राऑक्साइड भरे हैं. चित्रा जैसे-जैसे समंदर की उफनती लहरों में समाता जा रहा है, पर्यावरण पर खतरा भी बढ़ता जा रहा है. जहाज से तेल का रिसाव तो बंद हो चुका है, लेकिन उस पर लदे 1219 कंटेनरों में से 31 बेहद जहरीले कीटनाशकों से भरे हुए है और वे समंदर में गिर चुके हैं.
25 कंटेनर्स में सोडियम हाइड्राऑक्साइड बंद है, जो किसी की चमड़ी को झुलसा सकता है, शरीर पर घाव कर सकता है, आंखों में जलन पैदा कर सकता है, यहां तक कि किसी की सांसों को भी उखाड़ सकता है. यह बड़ी तादाद में कहीं इकट्ठा हो जाए, तो उस जगह को तहस-नहस कर सकता है. समुद्री जीव-जन्तुओं और पानी के नीचे की जिंदगी में तो ये भीषण तबाही मचा सकता है.{mospagebreak}सोडियम हाइड्रॉक्साइड से प्रदूषित पानी समुद्री जीव-जंतु और वनस्पतियों के लिए ज्यादा खतरनाक हो सकती हैं. इसके अलावा 6 कंटेनर्स में बंद है खतरनाक कीटनाशक, जो कि समुद्री जीव-जंतु और वनस्पतियों के लिए जहर के बराबर है.
इसी वजह से कोस्टगार्ड ने भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर को समुद्र का पानी इस्तेमाल करने से रोक दिया है, क्योंकि वो परमाणु रियेक्टर में कूलेंट के तौर पर समुद्री पानी का इस्तेमाल करता है. इसके अलावा मुंबई के तमाम और उद्योग समुद्री पानी का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें भी इस पानी के इस्तेमाल से रोका गया है.
अब तक समंदर में 250 से ज्यादा कंटेनर गिर चुके हैं. मुंबई पोर्ट के अधिकारियों का कहना है कि सभी तैरते कंटेनरों को निकालने में अभी दो से तीन दिन का वक्त और लग सकता है और उसके बाद ही इस चैनल से होकर दूसरे जहाजों की आवाजाही को हरी झंडी दी जा सकती है.
इसके अलावा जहाज के टैंकों में अब भी 2662 टन हेवी ऑयल और 245 टन डीजल भरा है. अधिकारियों का कहना है कि उन्हें भी निकालने की कोशिश की जाएगी ताकि समंदर में प्रदूषण नहीं फैले.