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मंदसौर हिंसा की आग MP के कई जिलों में फैली, सियासत भी तेज

पुलिस गोलीबारी में मारे गए किसानों के परिवार वालों से मिलने के लिए राहुल बाइक पर सवार होकर मंदसौर जा रहे थे, लेकिन प्रशासन ने उन्हें निमच में ही हिरासत में ले लिया. इस दौरान उन्होंने आजतक से बातचीत में कहा कि किसानों की इस बदहाली के लिए प्रधानमंत्री मोदी नरेंद्र और सीएम शिवराज सिंह चौहान जिम्मेदार हैं.

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राहुल गांधी मंदसौर के दौरे पर हैं
राहुल गांधी मंदसौर के दौरे पर हैं

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मध्य प्रदेश में 5 किसानों की मौत के बाद से ही हिंसा और तनाव की चपेट में चल रहे मंदसौर जिले जा रहे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. पुलिस गोलीबारी में मारे गए किसानों के परिवार वालों से मिलने के लिए राहुल बाइक पर सवार होकर मंदसौर जा रहे थे, लेकिन प्रशासन ने उन्हें नीमच में ही हिरासत में ले लिया.

इस दौरान उन्होंने आजतक से बातचीत में कहा कि किसानों की इस बदहाली के लिए प्रधानमंत्री मोदी नरेंद्र और सीएम शिवराज सिंह चौहान जिम्मेदार हैं. उन्होंने कहा, 'मोदी ने अमीरों के हजारों करोड़ रुपये टैक्स माफ कर दिए, लेकिन किसानों का कर्ज माफ नहीं करते, किसानों को मुआवजा नहीं दे सकते. मोदी सिर्फ किसानों को गोली दे सकते हैं. मैं बस इस देश के नागरिक इन किसानों से मिलना चाहता था, उनकी बात सुनना चाहता था.'

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वहीं इससे पहले राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा था, मुझे मध्य प्रदेश जाने और मंदसौर में मारे गए किसानों के परिवार से मिलने से रोकने के लिए राजस्थान और मध्य प्रदेश सरकार पूरा जोर लगा रही है. इसके साथ ही उन्होंने कहा, 'अपने अधिकारों की मांग करते हुए मारे गए किसानों के समर्थन में खड़ा होने को देश का कौन सा कानून अवैध बताता है?'

बता दें कि मंदसौर प्रशासन ने राहुल गांधी के विमान को वहां लैंड करने की इजाजत नहीं दी थी. ऐसे में वह पहले उदयपुर एयरपोर्ट पहुंचे और फिर वहां से सड़क के रास्ते बाइक से मध्य प्रदेश जा रहे थे. हालांकि राजस्थान-मध्य प्रदेश बॉर्डर पर स्थित नीमच के पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने कहा था कि उन्हें हिंसा प्रभावित जिले में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा. एसपी ने कहा कि अगर कांग्रेस नेता ने जिले में घुसने का प्रयास किया तो उन्हें हिरासत में ले लिया जाएगा.

इस बीच राज्य के माल्वा इलाके में तीसरे दिन भी हिंसा का दौर जारी है, जिसके बाद जिले के कलेक्टर और एसपी का तबादला कर दिया है. वहीं किसानों पर गोली चलाए जाने के मामले में पिपलिया मंडी के इंस्पेक्टर अनिल सिंह ठाकुर को फील्ड ड्यूटी से हटा दिया गया है.

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मंदसौर में हिंसा जारी
राज्य में गुस्साएं प्रदर्शनकारियों ने मंदसौर, देवास, नीमच, धार और इंदौर सहित कई हिस्सों में लूटपाट, आगजनी, तोड़फोड़ और पथराव किया. गुरुवार को भी वहां हिंसा जारी है, जहां प्रदर्शनकारियों ने मंदसौर में एक टोल प्लाज़ा में तोड़फोड़ की और वहां रखे 8-10 लाख रुपये लूट लिए. इस बीच हालात काबू में न होता देख मंदसौर के एसपी और कलेक्टर का ट्रांसफर कर दिया गया है.

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आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मंदसौर के कलेक्टर स्वतंत्र कुमार सिंह का तबादला करके उन्हें उपसचिव मंत्रालय नियुक्त किया गया है. सिंह के स्थान पर ओपी श्रीवास्तव को कलेक्टर नियुक्त किया गया है. सूत्रों ने साथ ही बताया कि सरकार ने मंदसौर के पुलिस अधीक्षक ओपी त्रिपाठी का भी तबादला कर दिया है और उनके स्थान पर मनोज कुमार सिंह की नियुक्ति की गई है. वहीं पूर्व एसपी ओपी त्रिपाठी ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि विभिन्न जगहों में उपद्रव में शामिल 62 किसानों को गिरफ्तार किया गया है और हालात नियंत्रण में हैं.

उदयपुर के रास्ते मध्य प्रदेश जाएंगे राहुल
इससे पहले खबर आई थी कि कांग्रेस उपाध्यक्ष बुधवार को ही पीड़ित परिवारों से मिलने मंदसौर जाने वाले थे, लेकिन प्रशासन ने उनके हेलीकॉप्टर को लैंडिंग की इजाजत देने से इनकार कर दिया था. राहुल को अब भी प्रशासन ने मंदसौर में प्रवेश की इजाजत नहीं दी है, हालांकि इसके बावजूद राहुल वहां जाकर पीड़ित किसान परिवारों से मिलेंगे. इस दौरान उनके साथ कांग्रेस सांसद कमलनाथ और मोहन प्रकाश के अलावा जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव भी होंगे.

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बीजेपी और कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू
राहुल गांधी की इस यात्रा को लेकर बीजेपी और कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है. एक तरफ बीजेपी राहुल को 'ट्रैजेडी ट्रैव्लर' करार देते हुए कांग्रेस पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया, वहीं कांग्रेस ने 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान बीजेपी के वादों की याद दिलाते हुए आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार को किसानों की चिंता ही नहीं.

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ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, 'मध्य प्रदेश के किसान शांतिप्रिय हैं. वे किसी तरह की हिंसक गतिविधि में शामिल नहीं होते. पूरी घटना के पीछे साजिश है.' उन्होंने कहा, 'इस घटना के पीछे वे लोग हैं, जो राज्य में शांति और समृद्धि नहीं चाहते हैं और यह नहीं देख सकते कि राज्य की बीजेपी सरकार सुचार रूप से काम कर रही है.'

प्रदर्शनकारियों ने कलेक्टर के फांड़े कपड़े
बता दें कि मंदसौर में गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने जगह-जगह तोड़फोड़ की, कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया और पुलिस पर पथराव भी कर दिया. किसानों पर पुलिस फायरिंग को लेकर प्रदर्शनकारी इतने गुस्से में थे कि उन्होंने जिले के कलेक्टर स्वतंत्र सिंह के साथ भी धक्कामुक्की की और उनके कपड़े तक फाड़ दिए.

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मंदसौर में कर्फ्यू, इंटरनेट भी बैन
हालांकि जिले में तनाव को देखते हुए प्रशासन ने आसपास के चार जिले में किसी भी विमान के लैंड करने की मनाही कर रखी है, वहीं इंटरनेट सेवाएं भी पूरी तरह से बैन कर दी गई है. इसके साथ ही इलाके में शांति-व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य सरकार के आग्रह पर वहां सीआरपीएफ की पांच बटालियन तैनात किया गया है.

पुलिस ने माना-उसकी फायरिंग से हुई किसानों की मौत
इस बीच मध्य प्रदेश के आई जी कानून-व्यवस्था ने मान लिया है कि मंदसौर में किसान आंदोलन के समय हालात बेकाबू होता देख पुलिस ने फायरिंग की थी. लॉ एंड ऑर्डर विभाग के आईजी मकरंद देवसकर ने बुधवार शाम मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, "जांच के दौर यह स्पष्ट हुआ कि वहां पुलिस ने फायरिंग की थी. लेकिन जिन परिस्थितियों में फायरिंग की गई, उसे बता पाना मुश्किल है.'

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बता दें कि अपनी फसलों के लिए सही दाम सहित 20 सूत्री मांगों को लेकर राज्य में पिछले 1 जून से किसान आंदोलन कर रहे थे. इसी दौरान मंदसौर में विरोध प्रदर्शन ने उग्र रूप ले लिया और यहां हुई गोलीबारी में 5 किसानों की मौत हो गई.

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शिवराज ने किया 1 करोड़ मुआवजे का ऐलान
इस बीच सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मंदसौर हिंसा में मारे गए किसानों के परिजनों के लिए एक-एक करोड़ रुपये मुआवजे और गंभीर रूप से घायलों को पांच लाख रुपये की सहायता राशि देने का ऐलान किया है. इसके अलावा मृतक किसानों के परिवार में से एक सदस्य को नौकरी भी दिए जाने की घोषणा की है.

इससे पहले मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को मुआवजे की राशि 10 लाख रखी थी, लेकिन राज्य में बढ़ते विवाद और किसानों के गुस्से को देखते हुए उन्होंने इसे बढ़ाने का ऐलान किया. हालांकि इससे भी किसानों का गुस्सा शांत नहीं हुआ और बुधवार को कांग्रेस व किसान यूनियनों द्वारा सामूहिक रूप से बुलाई गए राज्यव्यापी बंद के दौरान गुस्साएं प्रदर्शनकारियों ने मंदसौर, देवास, नीमच खरगौन, धार, इंदौर, सीहोर और उज्जैन सहित प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में लूटपाट, आगजनी, तोड़फोड़ एवं पथराव किया.

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