मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार जहां एक तरफ नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) पर अपना विरोध जारी रखे हुए है. वहीं संतुलन के लिए सॉफ्ट हिन्दुत्व के अपने एजेंडे को भी आगे बढ़ा रही है.
कमलनाथ सरकार पहले राम वन गमन पथ (निर्वासन के दौरान जिस रास्ते का भगवान राम ने इस्तेमाल किया) के निर्माण के लिए बजटीय प्रावधान और और राज्य भर में मॉडल गोशालाएं बनाने कीघोषणा कर चुकी है. अब इसी दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए कमलनाथ सरकार ने श्रीलंका में सीतामाता मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए 5 करोड़ रुपए का बजटीय प्रावधान करने का फैसला किया है.
सीतामाता मंदिर श्रीलंका के नुवारा एलिया में उस जगह पर बना है जहां देवी सीता ने बंधक काल में समय बिताया था. इस मंदिर को तत्काल जीर्णोद्धार की आवश्यकता है. ये बात मध्य प्रदेश के संस्कृति मंत्री पी सी शर्मा ने हाल में श्रीलंका के दौरे से लौटने के बाद किया था. शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार का प्रतिनिधिमंडल श्रीलंका गया था. इस प्रतिनिधिमंडल ने श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे से मुलाकात के दौरान सीता मंदिर के संरक्षण के लिए जरूरी कदम उठाने का आग्रह किया था. मध्य प्रदेश सरकार ने अब इस काम में आर्थिक मदद के लिए शुरुआत में 5 करोड़ रुपए के बजटीय प्रावधान का फैसला भी किया है.
मध्य प्रदेश के संस्कृति मंत्री शर्मा ने इंडिया टुडे को बताया, ‘हम सीता मंदिर के बारे में सुनते रहे थे लेकिन वहां कुछ नहीं किया गया. अब हमने 5 करोड़ रुपए का बजटीय प्रावधान करने का फैसला किया. इसके लिए श्रीलंका में स्थानीय तौर पर भी धन जुटाने के लिए कोशिश की जाएगी.’
मध्य प्रदेश सरकार के मुताबिक श्रीलंका सरकार ने सांची में बौद्ध संग्रहालय के लिए जमीन देने की मांग की है. श्रीलंका में सीता मंदिर के लिए जमीन दिए जाने के फैसले पर सद्भावना के तौर पर बौद्ध संग्रहालय के लिए राज्य सरकार जमीन उपलब्ध कराएगी.